Manufacturing Growth Decrease
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां में कमी आई है। S&P ग्लोबल इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मार्च में घटकर 54.0 पर आ गया, जो फरवरी में 54.9 था। एसएंडपी ग्लोबल इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मार्च में घटकर 54.0 पर आ गया, जो फरवरी में 54.9 था। अगर यह 50 से ऊपर रहता है तो इसका मतलब है कि गतिविधि में विस्तार बना हुआ है।
50 से अधिक यानि कि मार्च में विनिर्माण क्षेत्र का और विस्तार हुआ। लेकिन अगर ये 50 से नीचे आता है तो ये संकुचन का संकेत है। S&P ग्लोबल की रिपोर्ट के मुताबिक महंगाई 5 महीनों के हाई लेवल पर है जिससे चिंता बनी हुई है। यदि महंगाई में तेजी बनी रहती है तो इससे मांग कमजोर हो सकती है जिससे मैन्युुैक्चरिंग सेक्टर पर असर होगा।
विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार की स्थिति खराब (Manufacturing Growth Decrease)
आज 4 अप्रैल को एसएंडपी ग्लोबल ने कहा, माल उत्पादकों ने संकेत दिया कि मार्च में नए आॅर्डर में वृद्धि जारी रही। विस्तार की दर 6 महीने के निचले स्तर पर आ गई, लेकिन चिह्नित रही। भारतीय निमार्ताओं द्वारा बाहरी मोर्चे पर प्राप्त नए निर्यात आर्डर मार्च में गिर गए।
इस कारण इन आर्डर में लगातार आठ महीनों की वृद्धि समाप्त हो गई। भले ही नए आर्डर में वृद्धि 6 महीने के निचले स्तर तक आ गई और नए निर्यात आर्डर नौ महीनों में पहली बार गिरे लेकिन विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार की स्थिति खराब नहीं हुई। सर्वेक्षण वाली कंपनियों ने कहा कि रोजगार का मौजूदा स्तर जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी था।
S&P ग्लोबल के इकोनॉमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर पोलियाना डी लीमा के मुताबिक वित्त वर्ष 2021/22 के अंत में भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ कमजोर हुई। मैन्युफैक्चरर ने वित्त वर्ष 2021/22 के अंत में इनपुट कास्ट में एक और बढ़ोतरी दर्ज की। वहीं कंपनियों ने नए आर्डर और प्रोडक्शन में नरमी की रिपोर्ट दी।
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