इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Medical Import From China पिछले साल भारत व चीन के साथ शुरु हुए सीमा विवाद के बाद से अभी देश में लोगों की भावनाएं उफान पर हैं और लोग लगातार चीनी वस्तु का विरोध कर रहे हैं। सीमा विवाद के बाद से केंद्र सरकार ने भी भारत में उपयोग किये जाने वाले चीन एप्पों पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि इतने प्रतिबंध के बावजूद चीन ने देश को तगड़ा झटका दिया है। चीन ने यह झटका भारत को हेल्थकेयर सेक्टर में दिया है। एक मीडिया रिपोर्ट ने इस बात का खुलासा किया है। मीडिया रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई है कि भारत में चीन का मेडिकल आयात पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 75 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। देश में यह इजाफा कोरोना काल में हुआ। जब देश में लोगों को मेडिकल वस्तुओं की आवश्यता थी।
अमेरिका, जर्मनी को पछाड़कर हासिल किया 1 स्थान (Medical Import From China)
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल (2020-2021) कोरोना समय के दौरान चीन ने देश में मेडिकल आयात में अमेरिका और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल कर लिया है। इस दौरान चीन से मेडटेक और मेडिकल डिवाइसेज का आयात 75 फीसदी बढ़ गया है,जिसमें इसमें ऑक्सीमीटर, डायग्नोस्टिक इंस्ट्रुमेंट, डिजिटल थर्मामीटर और केमिकल रीएजेंट जैसे चीजें शामिल हैं। देश में चीन की मेडिकल आयात में जबरदस्त उछाल ऐसे समय आया है, जब अन्य देशों से आयात महज सात फीसदी बढ़ा है। इससे पहले भारत सर्वाधिक मेडिकल आयात अमेरिका व जर्मनी से करता था।
80 फीसदी मेडिकल डिवाइस देश में हुए आयात (Medical Import From China)
मेडटेक इंडस्ट्री की रिपोर्ट के अनुसार साल 2020-2021 की अवधिकाल में भारत ने चीन से 80 फीसदी मेडिकल डिवाइस का आयात किया था। इन डिवाइसेज की कुल लागत 45 हजार करोड़ की थी। वहीं, पहले जो 58 फीसदी मेडिकल डिवाइसेज का आयात देश में 25 फीसदी थी तो वहीं अब यह बढ़कर 42 हजार फीसदी तक होगा।
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