Moody’s GDP Growth
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने मौजूदा कैलेडंर वर्ष 2022 के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7 फीसदी से बढ़ाकर 9.5 फीसदी कर दिया है। इसके साथ ही रेटिंग एजेंसी ने तेल की बढ़ती कीमतों और आपूर्ति पक्ष की बाधाओं को वृद्धि की राह में बाधक बताया है। मूडीज ने कहा कि भारतीय इकोनॉमी के 2020 के नेशनल लॉकडाउन और 2021 के मध्य में आई कोविड-19 की दूसरी लहर से मजबूती से उबरने का अनुमान है। 2023 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान 5.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।
मूडीज ( Moody’s) ने 23 फरवरी की अपनी ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2022-23 की रिपोर्ट में कहा कि कैलेंडर ईयर के लिए जारी अनुमान के हिसाब से वित्त वर्ष 23 में ग्रोथ 8.4 फीसदी और वित्त वर्ष 24 में ग्रोथ 6.5 फीसदी रह सकती है। वित्त वर्ष 23 के लिए यह अनुमान रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया के 7.8 फीसदी के अनुमान से 60 बेसिस प्वाइंट ज्यादा है।
इन वजहों से मजबूती के मिल रहे संकेत
Moody’s ने कहा कि भारत में सेल्स टैक्स कलेक्शन, रिटेल एक्टिविटी और पीएमआई से मजबूती के संकेत मिलते हैं। हालांकि, ईंधन की बढ़ती कीमतें और सप्लाई में बाधाओं के चलते अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर भी पड़ सकता है। लेकिन ओमीक्रोन का असर कम होने से इसमें तेजी आनी चहिए। कोविड के हालात में सुधार के साथ स्कूल और कॉलेज खुलने सहित ज्यादातर बाकी प्रतिबंध हटने के साथ देश सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहा है।
इकोनॉमिक ग्रोथ रेट 10 फीसदी रहने का अनुमान
वहीं विदेशी ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज ने कहा कि चालू वित्त में देश का इकोनॉमिक ग्रोथ रेट 10 फीसदी रहने का अनुमान है। बार्कलेज के मुताबिक दिसंबर तिमाही में ग्रोथ रेट 6.6 फीसदी रह सकता है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में इकोनॉमी ने कुछ स्थिरता दिखाई है। कई फैक्टर्स बता रहे हैं कि आर्थिक गतिविधियां कोरोना पूर्व स्तर पर हैं।
बता दें कि रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि वित्त वर्ष 2022-23 में देश की रियल GDP ग्रोथ 7.8 फीसदी रह सकती है। सरकार ने भी बजट में बताया था कि साल 2022-23 के लिए देश की अर्थव्यवस्था के 9.27% की दर से GDP ग्रोथ हासिल करने का अनुमान है।
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