Moodys
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
रूस और यूक्रेन में 22 दिनों से चल रहे युद्ध के कारण व्यापार बाधित हो रखा है। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतें और खाद आयात बिल में बढ़ोतरी होने के कारण सरकार कैपिटल एक्सपेंडिचर घटा सकती है। बॉन्ड क्रेडिट की रेटिंग करने वाली कंपनी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस (Moodys Investors Service) ने भारतीय इकोनॉमी के ग्रोथ अनुमान में कटौती की है।
मूडीज ने कहा है कि भारतीय इकोनॉमी दर इस साल 9.1 फीसदी रह सकती है। जबकि पहले मूडीज ने 9.5 फीसदी दर से इकोनॉमी ग्रोथ बढ़ने का अनुमान लगाया था। ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2022-23 में मूडीज ने कहा है कि रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई के चलते इकनॉमिक ग्रोथ पर नेगेटिव इम्पैक्ट पड़ेगा।
भारत ही नहीं रूस की भी इकॉनमी हमले के पहले बढ़ने का अनुमान था लेकिन अब इसमें तेज गिरावट के आसार दिख रहे हैं। मूडीज के मुताबिक कोरोना की अगली लहर, गलत मौद्रिक नीतियां और हाई इंफ्लेशन के चलते सोशल रिस्क के चलते ग्लोबल ग्रोथ आउटलुक प्रभावित हो सकता है।
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