Monday, November 18, 2024
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Nirmala Sitharaman अगले 4 सालों में मोदी सरकार BSNL, MTNL, NTPC सहित 9 सरकारी कंपनियों को बेचेगी, संसद में दिया जवाब

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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली। 

Nirmala Sitharaman: केंद्र की सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी दल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पर वर्ष 2014 से लगातार उस पर सरकारी संपत्तियों को  निजीकरण करने पर लगातार विपक्षीय दल के नेता आरोप लगाते आ रहे हैं।  सरकार इन सब आरोपों को नजरअंदाज करते हुए अपने निजीकरण कार्य को आगे बढ़ाते हुए यहां तक चिहिन्त कर दिया है कि उसको भविष्य में किन किन सरकार की सम्पत्तियों को निजीकरण करना है।

मोदी सरकार ने सोमवार को संसद के समक्ष यह खाका प्रस्तुत कर दिया है कि अगले चार सालों में सरकार क्या क्या  सरकारी संपत्ति बेचेगी और इनकी पहचान भी कर ली गई है।  हाल में लाए गए नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन के तहत 12 सरकारी कंपनियों को बेचने की योजना है।

संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि केंद्र सरकार जिन सालों में सरकारी सपत्ती को बेचेगी उसकी पहचान सरकार ने कर ली है। उन्होंने बताया कि जिन कंपनियों के इन्फ्रास्ट्रक्चर एसेट्स की मॉनेटाइजेशन के लिए पहचान की गई है उनमें NHAI, AAI, PGCIL, NTPC, NHPC, NLC India. FCI, GAIL, IOCL, HPCL, BSNL, MTNL और BBNL शामिल हैं।

इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुगम बनाने के लिए अनलॉक का किया फैसला (Nirmala Sitharaman)

वित्त राज्य मंत्री ने संसद में बताया कि इन सरकारी संपित्तयों को बेचा रहा है उसके पीछे की वजह नया इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने की गति को तेज करने और इन्फ्रास्ट्रक्चर ऑपरेशन को सुगम बनाने के लिए यह फैसला लिया है। इसके चलते सरकार ने अब तक बनाए गए इन्फ्रास्ट्रक्चर की कीमत को अनलॉक करने का फैसला किया गया है।

अगस्त में बनी थी योजना (Nirmala Sitharaman)

अगस्त में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन को लॉन्च किया था। इसके तहत सरकार ने ब्राउनफील्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर एसेट्स को बेचने के लिए 4 साल की योजना बनाई गई है। इसमें वित्त मंत्रालय ने सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग, रेलवे, बिजली, पाइपलाइन एवं नेचुरल गैस, सिविल एविएशन, शिपिंग पोर्ट्स एंड वॉटरवेज, टेलिकम्युनिकेशंस, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, माइनिंग, कोल और हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मंत्रालयों से जुड़ी संपत्तियों को शामिल किया था।

तब नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन को लॉन्च करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार केवल अंडर-यूटिलाइज्ड संपत्ती को ही बेचेगी। लेकिन इसका हक सरकार के पास ही रहेगा और  प्राइवेट सेक्टर के पार्टनर्स को तय समय के बाद अनिवार्य रूप से सरकार को वापस करना होगा।

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