Niti Aayog
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आने वाले समय इंधन और वस्तुओं की कीमतों में बढ़त थम जाएगी। यह कहना है नीति आयोग (Niti Aayog) के उपाध्यक्ष राजीव कुमार का। वे भारतीय प्रशासनिक स्टाफ कॉलेज की तरफ से बजट पर आयोजित एक व्याख्यान में संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने बजट 2022-23 से कोई मुद्रास्फीतिकारी दबाव नहीं पड़ने का दावा करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय ईंधन एवं जिंस कीमतों में वृद्धि का दौर शायद आगे न जारी रहे। राजीव कुमार ने कहा कि वैश्विक सुस्ती काफी हद तक अमेरिका एवं चीन की अर्थव्यवस्थाओं में नरमी की वजह से है।
ऐसी स्थिति में मुझे लगता है कि तेल और अन्य वस्तुओं की कीमतों पर दबाव नरम होकर कम होगा। इसलिए उम्मीद है कि ईंधन और वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि उस तरह होगी जिस तरह वर्ष 2021 में हुई थी। हालांकि, उन्होंने खाद्य मुद्रास्फीति को बड़ी चिंता का विषय बताते हुए कहा कि प्रशासकीय एवं अन्य तरीकों से इसका बेहतर प्रबंधन किया जा सकता है।
बजट में रखी आगामी 25 सालों में डिजिटली सशक्त बनाने की बुनियाद
नीति आयोग के उपाध्याक्ष (Niti aayog vice chairman) ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पेश किए गए बजट पर राजीव कुमार ने कहा कि इसमें भारत को आने वाले 25 सालों में डिजिटल रूप से सशक्त, विश्वस्तरीय ढांचे से लैस और स्तरीय शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए एक ठोस बुनियाद रखने की बात की गई है। कुमार ने कहा कि इस बजट की मुख्य विषयवस्तु अगले 25 वर्षों के लिए एक ठोस बुनियाद रखने से जुड़ी है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह बजट समावेशी विकास को बेहतर ढंग से अंजाम देने और व्यवस्था के निचले स्तर पर मौजूद लोगों को भी इस प्रक्रिया में शामिल करने की बात करता है। यह बजट मुद्रास्फीति को बढ़ाने नहीं जा रहा है। मुझे नहीं लगता है कि बजट में किसी तरह का मुद्रास्फीति बढ़ाने वाली बात है। हां ये जरूर है कि वैश्विक स्तर की मुद्रास्फीति का असर होगा। वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि 5.9 प्रतिशत से घटकर 4.8 प्रतिशत रहेगी। यह गिरावट काफी हद तक दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में छाई सुस्ती का नतीजा है।
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