इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Non Fungible Token: आपको पता है कि विश्व में पहली बार फोन से कब SMS भेजा गया था। अगर पता है तो बहुत अच्छी बात है लेकिन अगर नहीं जानकारी है तो आज हम इस खबर में यह जानकारी आपके लिए लेकर आ रहे हैं कि पहली बार SMS को कब, किसने और किस कंपनी के द्वारा एक से दूसरे के फोन में भेजा गया था और अब उस SMS की कंपनी Non-Fungible Token (NFT) भी करने जा रही है।
दुनिया में पहली बार SMS का उपयोग साल 1992 में हुआ था। इस SMS को भेजने वाला नेटवर्क इंग्लैण्ड की टेलीकॉम कंपनी वोफाफोन थी। इस कंपनी में कार्यरत एक कर्मचारी ने अपने दूसरे कर्मचारी को भेजा था। विश्व का पहले टेक्सट मैसेज 14 शब्दों का था। अब इसी 14 शब्दों वाले कैक्टर मैसेज का वोडाफोन कंपनी NFT में बदलने जा रही है।
शरणार्थियों की मदद, 21 दिसंबर को होगी नीलामी Non Fungible Token
FOR SALE: World’s first text message ?, 1992 #NFT
Used once, over 14 characters, festive theme ?
To be auctioned 21/12 with proceeds going to @UNHCRUK ?
— Vodafone UK (@VodafoneUK) December 14, 2021
वोडाफोन कंपनी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जानकारी दी कि कंपनी अपने पहले SMS का NFT करने जा रही है। इस NFT की नीलामी से मिलने वाली राशि को कंपनी शरणार्थियों की मदद के लिए UNHCR को देगी। इस NFT की नीलामी कंपनी Aguttes Auction House के द्वारा 21 दिसंबर को फ्रांस में करेगी।
30 साल पहले भेजा गया था Non Fungible Token
दुनिया का पहला टेक्स्ट SMS आज से 30 साल पहले 3 दिसंबर, 1992 को भेजा गया था। इसको वोडाफोन के कर्मचारी Richard Jarvis को भेजा गया था. इस SMS में 14 कैरेक्टर थे. Jarvis को मिले इस SMS में Merry Christmas लिखा था.
15 Letters that changed the world. @Vodafone auctions the #1stSMS as NFT. It’s message “Merry Christmas”. We will donate the proceeds to @UNHCR. @Celebrity Spread the word @tyler @cameron @saylor @MatthewRoszak @TimDraper @FEhrsam @cz_binance @jack @frank_thelen @Gemini pic.twitter.com/feZr3syAWl
— Vodafone Deutschland (@vodafone_de) December 15, 2021
क्या है NFT Non Fungible Token
एनएफटी (NFT) का पूरा नाम नॉन फंजिबल टोकन होता है। यह किसी अर्थव्यवस्था में फंजिबल एसेट उसे कहते हैं जिसका हाथों से लेन-देन हो सके, जैसे आपके पास 100-200 रुपये के नोट होते हैं जिनका आप लेन-देन कर पाते हैं। ये नोट फंजिबल एसेट कहलाते हैं। इसके उलट, नॉन-फंजिबल एसेट होते हैं। NFT का विनिमय या लेन-देन नहीं होता, इसलिए यह बिटकॉइन जैसी डिजिटल करेंसी से भी अलग होता है।
इनकी मदद से डिजिटल जगत में किसी पेंटिंग, किसी पोस्टर, ऑडियो या वीडियो को सामान्य चीजों की तरह खरीदा-बेचा जा सकता है। इसके बदले आपको डिजिटल टोकन मिलते हैं, जिन्हें एनएफटी कहा जाता है। NFT की खासियत ये है कि अगर आप खुद की बनाई गई पेटिंग NFT कर रहे हैं तो आपको तब तक पैसे मिलते रहेंगे जब तक वो पेटिंग बेची जाती रहेगी। इसके अलावा NFT डिजिटल सर्टिफिकेट के जरिए ये भी सुनिश्चित करता है कि आपकी चीज का कॉपीराइट किसी और के पास न जा सके।
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