ग्रेटर नोएडा वालों की राह अब और भी आसान होनी वाली है। लगातार सुगमता के बेहतर साधनों में एक और नया एक्सप्रेस वे का नाम जुड़ने वाला है। जिससे यहाँ रहने वाले लाखों लोगों की राहें अब और भी आसान हो जाएगी। साथ ही उन्हें भी काफी सहूलियत होंगी जो हर रोज दिल्ली से नोएडा और ग्रेटर नोएडा आना जाना करते है। दिल्ली से वाया नोएडा एयरपोर्ट को सीधी कनेक्टिविटी दी जाएगी। जिसके लिए 32 किमी का एक नया एक्सप्रेस वे बनाया जाएगा। वहीं, नोएडा अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा से अक्टूबर में पहली कामर्शियल फ्लाइट भी उड़ान भरेगी।
एक्सप्रेस वे दिल्ली के कालिंदी कुंज से वाया नोएडा सेक्टर-150 होते हुए आगरा एक्सप्रेस को कनेक्ट करेगा।जिसकी वजह से इसके साथ लगने वाले इलाकों में प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ेंगी। निवेश भी बढ़ेगा। वहीं,दिल्ली में इसे मुंबई-वड़ोदरा एक्सप्रेस वे से एक रोटरी के माध्यम से जोड़ा जाएगा।
एक्सप्रेसवे के बनने से होंगे दो बड़े फायदे
पहला नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे से वाहनों का दबाव कम हो जाएगा। साथ ही पूर्वी व दक्षिणी दिल्ली इलाकों की नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी।
नया एक्सप्रेस-वे को छह लेन का बनाया जायेगा
समिति की ओर से हाल के दिनों में नए एक्सप्रेस के लिए सर्वे करवाया गया। यह सर्वे नोएडा के सेक्टर-94 यानी यमुना पुश्ता से लेकर सेक्टर-150 करीब 28 किमी तक के एरिया का किया गया। यहां दो विकल्प दिए गए। पहला एक्सप्रेस-वे समानांतर पुश्ता के साथ एक एक्सप्रेस वे बनाया जाए या फिर मौजूदा एक्सप्रेस वे के ऊपर एलिवेटेड एक्सप्रेस वे बनाए।
एनएचएआई कर सकता है एक्सप्रेसवे का निर्माण
प्राधिकरण चाहता है कि इस एक्सप्रेस-वे को नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएचएआई) बनाएं। इसके लिए प्राधिकरण एनएचएआई के अधिकारियों से लगातार संपर्क में है। इसलिए पहले विकल्प पर ही काम होगा और इसे मुबंई बड़ोदरा एक्सप्रेस से जोड़ा जाएगा, चूंकि कालिंदी कुंज के पास मुबंई वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे का एक लूप से जोड़ा जा सकता है। इस लूप तक पहुंचाने के लिए छह लेन एक्सप्रेस-वे का निर्माण करवाया जाएगा।
दो एक्सप्रेस-वे को जोड़ने के लिए बनाई जाएगी दो रोटरी
नोएडा हवाई अड्डे से सीधी कनेक्टिविटी के लिए एक्सप्रेस वे के दोनों एंड पर दो रोटरी बनाई जाएगी। पहली मुंबई बड़ोदरा एक्सप्रेस वे के लिए, जिसे कालिंदी कुंज मेट्रो स्टेशन के आसपास बनाया जायेगा, क्योंकि ये एक्सप्रेस वे यही से होकर आगरा कैनाल के साथ फरीदाबाद में प्रवेश करेगा। दूसरा सेक्टर-150 के पास जहां से इस एक्सप्रेस वे को क्लोवर लीफ के जरिये यमुना से जोड़ा जाएगा।
एक्सप्रेस वे को बनाने के लिए गठित की गई समिति
एक्सप्रेस वे को बनाने के लिए एक कमिटी का गठन किया गया है। जिसमें नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय कुमार खत्री, महाप्रबंधक नियोजन इश्तियाक अहमद, उप महाप्रबंधक सिविल विजय कुमार रावल, एनएचएआई, उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग और राइट्स के प्रतिनिधि शामिल है।समिति निरीक्षण के बाद प्रस्तावित एक्सप्रेस के क्रास सेक्सनल डिटेल, लोंगिट्यूडनल डिटेल और ऑब्लिगेटरी प्वाइंट पर विचार किया। साथ ही इनकी मार्किंग भी की। एक्सप्रेस वे के डिजाइन,लंबाई और चौड़ाई के संबंध में जानकारी ली गई।
क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ का कहना है कि नया एक्सप्रेस वे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दिल्ली के बीच कनेक्टिविटी और बेहतर बनाएगी। इस रूट पर नए एक्सप्रेसवे की मांग काफी दिनों से हो रही है। यहां कई बड़े आवासीय प्रोजेक्ट्स का निर्माण भी हो रहा है। ऐसे में बिल्डर, बायर और इन्वेस्टर्स सभी के लिए नया एक्सप्रेसवे संभावनाओं का नया द्वार खोलने जा रहा है। इससे निश्चित तौर पर रियल स्टेट मार्केट में बूम आएगा।
साया ग्रुप के सीएमडी विकास भसीन का कहना है कि नए एक्सप्रेस वे के बनने से यहां विकसित किए जा रहे नए सेक्टरों को इसका लाभ मिलेगा, यह एक्सप्रेसवे नोएडा के सेक्टर 128, 135, 150, 151, 168 के साथ-साथ ग्रेटर नोएडा के कुछ क्षेत्रों को जाने वाले वाहन चालकों को एक अतिरिक्त कनेक्टिविटी देगा। बेहतर कनेक्टिविटी से क्षेत्र में प्रॉपर्टी में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इसका सीधा लाभ निश्चित तौर पर रेजीडेंशियल और कमर्शियल रियल एस्टेट सेक्टर को इसका लाभ मिलेगा।
एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा का कहना है कि नया एक्सप्रेस वे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दिल्ली के बीच कनेक्टिविटी और बेहतर बनाएगी। इस रूट पर नए एक्सप्रेस वे की मांग काफी दिनों से हो रही है। यहां कई बड़े आवासीय प्रोजेक्ट्स का निर्माण भी हो रहा है। ऐसे में बिल्डर, बायर और इन्वेस्टर्स सभी के लिए नया एक्सप्रेस वे संभावनाओं का नया द्वार खोलने जा रहा है। इससे निश्चित तौर पर रियल स्टेट मार्केट में बूम आएगा और निवेशकों को इसका सीधा लाभ होगा।
ग्रुप 108 के मैनेजिंग डायरेक्टर संचित भूटानी ने बताया कि किसी भी शहर का विकास उससे जुड़ने वाले एक्सप्रेस वे और हाईवे पर सबसे ज्यादा निर्भर होता है। ऐसे में अगर एक नया एक्सप्रेस वे बन रहा है तो निश्चित तौर पर विकास में तेजी आएगी। इसके साथ ही सबसे बड़ा लाभ कमर्शियल और रेजीडेंशियल रियल एस्टेट सेक्टर को होगा। निवेशकों को बढि़या रिटर्न मिलेगा।
गुलशन ग्रुप के डायरेक्टर दीपक कपूर का कहना है कि इस नए एक्सप्रेस वे के बनने और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सीधा जुड़ने के साथ ही इसके मुंबई-वड़ोदरा एक्सप्रेस वे से भी कनेक्ट होने से यहाँ प्रॉपर्टी की मांग में जबरदस्त उछाल आएगा। प्रॉपर्टी की जबरदस्त मांग के चलते रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रॉपर्टी की कीमतें तेजी से बढ़ेंगी। साथ ही निवेशकों को शानदार रिटर्न मिलेगा। भविष्य में यहाँ पर नए-नए प्रोजेक्ट भी शुरू होंगे।
मिग्सन ग्रुप के एमडी यश मिगलानी का कहना है कि जाहिर सी बात है कि सीधी कनेक्टिविटी होगी तो मुसाफिरों के लिए सुविधा बढ़ जाएगी। खासकर रोज आने जाने वालों के लिए ये एक बेहद ही खास तोहफ़ा है। ऐसे में यह रियल स्टेट के लिए सकारात्मक बात यह होगी कि अब ज्यादा से ज्यादा लोग नोएडा, ग्रेटर नोएडा और दिल्ली की ओर रुख करेंगे। कुछ लोग इन्वेस्टमेंट के लिहाज से तो कुछ स्थाई रूप से रहने के लिए लेकिन प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट अवश्य करेंगे।
सीआरसी ग्रुप के निदेशक सेल्स एंड मार्केटिंग सलिल कुमार के अनुसार मेरा मानना है कि कनेक्टिविटी बढ़ने से ना केवल प्राइवेट बल्कि कमर्शियल प्रॉपर्टी के भी रेट बढ़ेंगे। नोएडा से दिल्ली या दिल्ली से नोएडा,ग्रेटर नोएडा ही नहीं बल्कि जेवर तक कमर्शियल प्रॉपर्टी में इन्वेस्टमेंट के ज्यादा चान्स हैं। जिस तरह लोगों का आवागमन बढ़ेगा व्यापार और बाज़ार भी उतनी ही तेजी से बढ़ेगा।
काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी का कहना है कि इस नए एक्सप्रेस वे के बनने और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सीधा जुड़ने के साथ ही इसके मुंबई-वड़ोदरा एक्सप्रेस वे से भी कनेक्ट होने और एक्सप्रेसवे को आसपास के एक्सप्रेस वे से भी जुड़ने से यहाँ प्रॉपर्टी की मांग में जबरदस्त उछाल आएगा। क्षेत्र में प्रॉपर्टी की कीमतें जबरदस्त बढ़ेगी। एक सुनियोजित तरीके से क्षेत्र का विकास होगा। भविष्य में ये क्षेत्र एक शानदार प्रॉपर्टी हब के रूप में विकसित हो जायेगा। वहीं, एक्सप्रेस वे के बनने से नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक का लोड भी कम हो जायेगा।