Omicron Threat
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमिक्रान यूरोप के बाद भारत में तेजी से पैर पसार रहा है। अब तक यह वायरस देश में 14 राज्यों में अपनी दस्तक दे चुका है। इस समय देश में 221 मामले ओमिक्रॉन के आ चुके हैं। इनमें सबसे अधिक महाराष्ट्र में 65 और दिल्ली दूसरे नंबर पर है यहां 54 केस मिल चुके हैं।
ऐसे में देश में एक बार फिर से लाकडाउन का डर सता रहा है। डब्ल्यूएचओ इस खतरनाक वायरस को लेकर कई बार चेतावनी जारी कर चुका है। वहीं प्रधानमंत्री मोदी भी कल अधिकारियों के साथ इससे निपटने के लिए और तैयारियों को लेकर विचार-विमर्श करेंगे। पीएम मोदी की यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब केंद्र ने राज्यों को अलर्ट पर रहने और संक्रमण रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने की सलाह दी है। इसके मुताबिक नाइट कर्फ्यू लगाने और शादी, पार्टी, अंतिम संस्कार में लोगों की संख्या सीमित करने का बात कही गई है। इसके बावजूद यदि इस वायरस पर लगाम न कसी गई तो फिर से लाकडाउन डर होना लाजिमी ही है।
ज्यादा संक्रामक ओमिक्रॉन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन (omicron corona variant) पहले आए डेल्टा से तीन गुना ज्यादा संक्रामक है,ऐसे में सभी राज्यों को हिदायत दी जाती है कि वह त्वरित फैसला लेते हुए रात्रि कर्फ्यू ( night curfew) और कंटेनमेंट जोन (containment zones) बनाने जैसे जरूरी उपायों के लिए तैयार रहें। क्योंकि पिछले दो हफ्तों में नए वेरिएंट की संख्या 100 गुना बढ़ गई है। हालातों से निपटने के लिए सभी राज्यों को जरूरी इंतजाम करने के निर्देश केंद्र सरकार ने दे दिए हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने जारी की एडवाइजरी
Omicron in India : स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिख सचेत किया है कि वह अपने यहां कोरोना ओमिक्रॉन से निपटने के लिए जरूरी इंतजाम पूरे कर लें। सभी राज्य विदेश या बाहरी राज्य से आए लोगों की समय रहते कोरोना जांच सुनिश्चित करें। इसके साथ ही संक्रमित पाए गए व्यक्ति का ट्रैक जांचते हुए प्रभावित एरिया को कंटेनमेंट जोन (containment zones due to covid19 variant) की नीति अपनाते हुए संक्रमण की रोकथाम करें।
इसके साथ ही ओमिक्रॉन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अस्पतालों में बेड की क्षमता बढ़ाई जाए वहीं एम्बुलेंस, ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाओं का भंडार और अन्य जरूरी वस्तुओं का पर्याप्त मात्रा में भंडारण करना सुनिश्चित करें। दूसरी और जो संक्रमित होम आइसोलेशन में रहेंगे उनके लिए किट की व्यवस्था समय रहते पूरी कर लें। सबसे अहम पॉजिटिव आए मरीजों पर कॉल सेंटर और घर-घर जाकर निगरानी की जाए। इसके अलावा टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाया जाए।