Omicron Variant
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
रिकार्ड तोड़ वैक्सीनेशन होने के बावजूद ओमिक्रोन वैरिएंट ने दुनियाभर में अपनी दहशत बना दी है। सभी देशों में चिंता बढ़ गई है। हो भी क्यों न, 10 दिनों के अंदर ओमिक्रोन वैरिएंट ने भारत समेत 30 देशों में दस्तक जो दे दी है। नवंबर के आखिर में इसका पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था। इसके बाद ये बोत्सवाना में ओमिक्रोन वैरिएंट का केस आया था।
24 नवंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस Omicron Variant के मामले सामने आने की पुष्टि की थी। इसके बाद ये वैरिएंट इस महाद्वीप के दूसरे देशों में फैला और अब ये महाद्वीप की सीमाओं से बाहर निकलकर पूरी दुनिया में फैलता जा रहा है। इस वेरिएंट से बचाव के लिए भारत समेत अन्य कई देशों ने कड़े कदम उठाए हैं। बावजूद इसके ये कोरोना वायरस का ये वेरिएंट भारत समेत 30 देशों में दस्तक दे चुका है।
विदेशों से आने वाले 10 लोग निकले कोरोना संक्रमित
एक बार फिर दुनिया कोरोना की गिरफ्त में जाती प्रतीत हो रही है। वहीं कई देशों ने वायरस को रोकने के लिए विदेशी उड़ानों के भी पंख कुतर दिए हैं। इन सब के बीच भारत में एक दिसंबर तक विदेशी धरती से कुल 7 हजार 976 लोग आए हैं। इन सभी की कोरोना जांच की गई तो पता चला कि 10 लोग कोरोना संक्रमित हैं। ऐसे में सभी 10 लोगों के सैंपल जीनोम जांच के लिए भी भेज दिए गई हैं। भेजे गए सैंपलों की रिपोर्ट आने का इंतजार एजेंसियां कर रही हैं।
ओमिक्रॉन का नया स्वरूप कुछ दिन पहले तक दक्षिण अफ्रीका तकह ही सीमित था। अब यह दुनिया के 30 देशों में पहुंच गया है। नया वायरस के सबसे अधिक केस दक्षिण अफ्रीका में ही मिल रहे हैं। यहां पहले एक ही मामला सामने आया था अब संक्रमितों की संख्या 183 पहुंच चुकी है। वहीं अन्य देशों में भी कोरोना के नए मामले सामने आने से प्रभावित देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं। दूसरी ओर भारत में गत दिवस कर्नाटक में नए वायरस के दो मामले सामने आए थे। जिनमें से डॉक्टर शामिल हैं तो वहीं दूसरा संक्रमित 60 साल से अधिक का बताया जा रहा है।
स्पाइक प्रोटीन के लिए डब्ल्यूएचओ चिंतित
विश्व स्वास्थ्य संगठन ओमिक्रॉन के लिए इस लिए चिंतित है क्योंकि इस वायरस का स्पाइक प्रोटीन पहले आए संक्रमण से अधिक शक्तिशाली है। इसलिए यह तेजी से फैल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस इतना प्रभावशाली है कि किसी भी शख्स की कोशिकाओं में प्रवेश करते हुए सीधे संक्रमित हुए मानव के फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में इससे बचाव का एकमात्र रास्ता है कि कोविड नियमों का सख्ती से पालन करें। क्योंकि लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है।
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