Online Food Ordering Will Be Expensive
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
नए साल 2022 के आने में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं और लोगों ने इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी है। लेकिन आपको बता दें कि नए साल पर 1 जनवरी से ही आपकी जेब पर बोझ पड़ना शुरू हो जाएगा। जहां एक ओर 1 जनवरी जीएसटी से संबंधित कानूनों में बदलाव हो रहा है, वहीं अब 1 जनवरी से खाना आनलाइन आर्डर करने पर भी GST लगना शुरू हो जाएगा, जिसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा।
दरअसल, काफी समय से फूड डिलीवरी सर्विसेज को भी जीएसटी के दायरे में लाने की मांग हो रही थी। इसके बाद 17 सितंबर को हुई GST काउंसिल की बैठक में यह मांग मंजूर कर ली गई थी। सरकार की ओर से घर पर खाना डिलीवर करने वाली कंपनियों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है। फूड डिलीवरी कंपनियां ही इस टैक्स का भुगतान करती थी। लेकिन अब ये भुगतान ग्राहकों को करना पड़ेगा।
रेस्टोरेंट का GST रजिस्ट्रेशन नहीं होता चेक
जानकारी के मुताबिक फूड टेक कंपनियां खाना डिलीवर करने के लिए रेस्टोरेंट का जीएसटी रजिस्ट्रेशन चेक नहीं करते। इस कारण सरकार को टैक्स की राशि नहीं मिल पाती है। ऐसे में फूड डिलीवरी कंपनियों से जीएसटी जार्च वसूलने के पीछे की एक वजह ये भी हो सकती है। इसलिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने आदेश दिए हैं कि फूड डिलवरी कंपनियों को अब रेस्टोरेंज की तरह इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा नहीं मिलेगा।
5 प्रतिशत एक्स्ट्रा देने होगी राशि
सरकार की ओर से लगाए गए 5 प्रतिशत टैक्स को अभी तक रेस्टोरेंट करते थे। लेकिन अब ये टैक्स फूड डिलीवरी करने वाले एप्स पर लगेगा और ऐसी संभावना है कि ये फूड डिलीवरी करने वाले एप्स उन पर लगे 5 फीसदी टैक्स को किसी ना किसी फोर्म में ग्राहक से ही वसूलेंगे।
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