इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
PM Awas Yojana: जिन लोगों के पास अपने आवास नहीं हैं, सरकार ने ऐसे लोगों को आवास मुहैया करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की शुरुआत की है। इस योजान के तहत केंद्र सरकार का एक मात्र लक्ष्य यह है कि सभी भारतीयों के पास अपना पक्का घर हो। ऐसे में सरकार ने इस योजना के लिए एक लक्ष्य रखा था जोकि अभी पूरा नहीं हुआ है और इसे बढ़ाने का निर्णय लिया है। सरकार ने इस योजना की तीन साल के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके साथ केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय की सबसे बड़ी योजना केन बेतवा प्रोजेक्ट को लिंक करने की भी मंजूरी दे दी है। यह निर्णय बुधवार को केंद्र सरकार ने एक कैबिनेट बैठक में लिया है।
नई अवधि में 1.50 करोड़ घर का बनाने का रखा लक्ष्य PM Awas Yojana
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस सप्ताह मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण को अगले तीन साल के लिए और बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने भारत के गांव में 2.95 करोड़ पक्का घर बनाने का लक्ष्य रखा था जोकि अभी पूरा नहीं हुआ है। अभी तक केवल 1.65 करोड़ पक्के घरों का लक्ष्य ही पूरा हो पाया है। नई अवधि के तहत अब सरकार ने 1.50 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा है। केंद्र सरकार ने इस 2024 तक बढ़ने का फैसला किया है।
केन-बेतवा प्रोजेक्ट भी मिली मंजूरी PM Awas Yojana
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। सरकार 44,605 करोड़ रुपए की लागत से केन-बेतवा नदियों को जोड़ेगी। यह एक राष्ट्रीय परियोजना होगी। इसमें केंद्र सरकार का कुल योगदान 90% होगा। अगले 8 साल में केन-बेतवा नदी को जोड़ने का यह प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाएगा। केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट में 39317 करोड रुपए का योगदान करेगी। सरकार ने बुधवार को दो योजना को मंजूरी दी।
2016 में लॉन्च हुई योजना PM Awas Yojana
वर्ष 2016 में केंद्र की मोदी सरकार ने सभी भारतीयों के पास अपना पक्का घर हो वाले के सपने को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की थी। केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने बताया कि सरकार ने इस योजना तहत मार्च 2021 तक 1.95 लाख करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है, जिसमें 1.44 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने खर्च किए हैं। वहींं, अगले तीन साल के लिए 2.17 लाख करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है, इसमें करीब 1.60 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार खर्च करेगी।
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