इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Rail Minister Ashwini Vaishnaw: केंद्र में भाजपा के सहयोगी गठबंधन राजग के सहयोग से 2014 से नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से लगातार उन पर सरकारी कंपनियों का निजीकरण का आरोप विपक्षीय दल के नेता लगाते रहे हैं। यहां तक केंद्र की मोदी सरकार पर भारतीय रेलवे का पूरी तरह निजीकरण करने का आरोप भी इन नेताओं के जरिए लगाया गया। निजीकरण को लेकर सामचार पत्रों में कई खबरें छापी कि मोदी सरकार रेलवे को पूरी तरह निजीकरण करने वाली है। फिलहाल, विपक्षीय दलों द्वारा रेलवे के पूरी तरह निजीकरण करने वाले बयान का रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खंडन कर दिया है।
इस पर उनका कहना है कि भारतीय रेलवे का कभी निजीकरण नहीं होगा। रेलवे का प्राइवेट के हाथों में देने का तो सवाल नहीं उठता है। क्योंकि दुनियाभर में रेलवे का संचालन वहां की सरकार ही करती है। इस हिसाब से भारत सरकार भी इसका संचालन करेगी।
सरकार की पहली प्राथमिकता यात्रियों के मिले पूरी सुविधा Rail Minister Ashwini Vaishnaw
रेलवे मंत्री ने यह बयान शनिवार को एक निजी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में भाग लेते हुए दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की पहली प्राथमिकता है कि रेलवे में सफर कर रहे यात्रिओं को सुविधा पूर्णरूप से मिले। रेलवे से देश की अर्थव्यवस्था का सुधार संभव है, लेकिन इससे पहले अर्थव्यवस्था में रेलवे की भागीदारी हो। इस पर उन्होंने कहा कि . रेलवे में इकोनॉमी को गति देने की पूरी ताकत है.
कुछ वर्षों में होगा 300 स्टेशनों का कायाकल्प Rail Minister Ashwini Vaishnaw
रेलवे मंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे को क्षेत्रीय कल्चर से और जोड़ा जाएगा। शहर के हिसाब से रेलवे स्टेशनों को बनाने की जरूरत है। अभी तक करीब 40 रेलवे स्टेशनों का डिजाइन बनकर तैयार है। आने वाले दिनों इनकी संख्या में और इजाफा देश के लोगों को मिलेगा। रेलवे मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हम कहा कि रेलवे स्टेशन का विस्तार करे और यह विस्तार ऐसा करे जो अलगे 50 सालों के लिए हो। अगले दो-तीन वर्षों में ढाई सौ से तीन सौ रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प होने वाला है।
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