- स्वर कोकिला मंगेशकर के नाम पर बने पांरपरिक वाद्ययंत्र संस्थान
इंडिया न्यूज,नई दिल्ली।
Musical Instruments: भारतीय जनता पार्टी के सदस्य डॉ़ विनय सहस्त्रबुद्धे ने बुधवार को राज्यसभा में केंद्र सरकार से भारतीय पारंपरिक वाद्ययंत्रों को संरक्षित एवं प्रोत्साहित करने की मांग की है। इसके साथ ही, सहस्त्रबुद्धे ने भारत रत्न स्वरकोकिला लता मंगेशकर के नाम पर एक पांरपरिक वाद्ययंत्र संस्थान बनाने की मांग की है।
वाद्ययंत्रों को बनाने वालों को नहीं मिला आज तक सम्मान
डॉ़ सहस्त्रबुद्धे ने सदन में शून्यकाल के दौरान यह मांग करते हुये कहा कि तानपुरा, वीणा, दिलबहार जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्रों को भारतीय लोकगीतों और संगीतों में उपयोग होता है, लेकिन यह उद्योग अब पारिवारिक बनकर रह गया है। मौजूदा समय देश में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के कुछ क्षेत्रों में ये यंत्र बनाये जा रहे हैं। भारतीय संगीत परंपरा को समृद्ध बनाने में भी इन यंत्रों को बहुत बड़ा योगदान है, लेकिन इनको बनाने वालों को आज तक किसी भी सरकार की ओर कोई सम्मान नहीं दिया गया है।
वाद्ययंत्रों को निर्यात भी हुआ (Musical Instruments)
उन्होंने राज्यसभा में बताया कि हाल के वर्षो में इस तरह के तीन हजार से अधिक वाद्ययंत्र निर्यात भी किये गये हैं। उन्होंने कहा कि इसके संरक्षण के लिए इनको बनाने वालों को बैंकों से ऋण मिलना चाहिए। इसके साथ ही शिक्षा विभाग को भी इन यंत्रों को पाठ्यक्रमों में शामिल करने की मांग करते हुये उन्होंने कहा कि इनके विपणन और भंडार की व्यवस्था की जानी चाहिए।
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