RBI Hike Repo Rate
इंडिया न्यूज,नई दिल्ली।
यह बात तो साफ के भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश में बढ़ती महंगाई को लेकर काफी चिंतित है और इससे कम करने लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी प्रयास के तहत रिजर्व बैंक ने आम आदमी को झटका देते हुए एक झटके में देश में लोन को महंगा कर दिया है। इसका साफ असर आने वाले दिनों में आई पड़ेगा। रिजर्व बैंक की जून की मौद्रिक नीति समीक्षा (एमपीसी) की बैठक में रेपो रेट को बढ़ाने का फैसला लिया गया, जिसकी घोषणा बुधवार को रिजर्व बैंक के गवर्नर शाशिकांद दास ने कर दी। केंद्रीय बैंक ने एक बार फिरसे रेपो रेट में 0.50 फीसदी की वृद्धि की है। इसके बाद यह 4.40 फीसदी से बढ़कर 4.90 फीसदी हो गई है। रेपो रेट में बढ़ोतरी होना यानी लोन का महंगा होना है, क्योंकि जैसे ही केंद्रीय बैंक यानी आरबीआई अपने रेपो रेट में बढ़ोतरी करता है, वैसे बैंकों में लोन महंगे हो जाते हैं। सरल भाषा में कहें तो रेपो रेट का सीधा संबंध लोन से होता है। आईये जानते हैं कि रेपो रेट की वृद्धि के बाद आपकी लोन ईएमआई पर क्या प्रभाव पड़ने वाले है।
इसको कहते हैं रेपो रेट
सबसे पहले जानना जरूरी है कि आखिरी रेपो रेट कौन सी बला है और इसके बढ़ने से देश के अंदर लोन क्यों महंगे हो जाते हैं। रिपो रेट को अगर परिभाषित करें तो रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को ऋण देते हैं। रेपो रेट कम होने से मतलब है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे, जैसे कि होम लोन, व्हीकल लोन व पसर्नल लोन इत्यादि। अगर रिजर्व बैंक इसमें वृद्धि करता है तो यह महंगे हो जाते हैं। मौजूदा समय देश में महंगाई अपने चरम सीमा पर है तो रिजर्व बैंक ने इसे रोकने लिए रेपो रेट में वृद्धि कर दी है। इसमें 50 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि की है। इस वृद्धि से साफ है कि सारे लोन तो महंगे होंगे ही ऊपर से जो लोन पहले लिए गए हैं उनकी ईएमआई भी मंहगी होंगी। आईये उदाहरण से समझते हैं कि कैसे रेपो रेट बढ़ने से ईएमआई महंगी होगी।
30 लाख लोन की ईएमआई अब इतनी पहुंची
मान लो कि आपने 30 लाख रुपये का लोन 6.7 फीसदी की दर से 20 वर्ष तक के लिए लिया। इस दर पर इसकी ईएमआई 22,721 रुपये प्रतिमाह बनती है। अगर 35 दिनों में दो बार रेपो रेट बढ़ाए जाने के बाद अब कर्ज की दर बढ़कर 7.60 फीसदी पर पहुंच गई है तो इसमें पहले 40 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि के बाद प्रतिमाह 718 रुपये और फिर 50 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि के बाद 912 रुपये का इजाफा हुआ। दरों में वृद्धि के बाद 35 दिनों में ईएमआई में करीब 1630 रुपये का इजाफा हुआ है,जो यह बढ़कर 24,351 रुपये पर पहुंच गया है,जो यह पहले कहां 22,721 रुपये पर था।
10 से 50 लाख के लोन पर इस वृद्धि के बाद इतना पड़ेगा प्रभाव
अगर किसी व्यक्ति ने 6.5 फीसदी की ब्याज दर पर दस लाख का लोन 20 साल की अवधि के लिए लिया गया है तो उसकी ईएमआई करीब 7,456 रुपये बनती है। अगर आज के बढ़े हुए रेपो रेट को जोड़ दें तो इसकी ब्याज दर बढ़कर सात फीसदी पर पहुंच जाएगी। वहीं, ईएमआई में 297 रुपये की बढ़ोतरी हो जाएगी और यह बढ़कर प्रतिमाह 7,753 रुपये हो जाएगी, जबकि 20 साल के लिए 50 लाख रुपये का लोन 7.50 फीसदी की दर से लिया है तो इजाफे के बाद यह आठ फीसदी हो जाएगी और प्रतिमाह ईएमआई 40,280 रुपये से 1542 रुपये बढ़कर 41,822 रुपये पर पहुंच जाएगी।
अगली एमपीसी की बैठक अगस्त में
आरबीआई ने रेपो रेट में बढ़ोतरी का फैसला 6 जून से लेकर 8 जून तक चली मौद्रिक नीति समीक्षा (एमपीसी) की बैठक में लिया है। इस बैठक में सभी सदस्य डॉ. शंशाक भिडे, डॉ. आशिमा गोयल, प्रो. जयंत आर. वर्मा, डॉ. राजीव रंजन, डॉ. माइकल देवब्रत पात्र और रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने नीतिगत रेपो दर को 50 आधार अंक बढ़ाकर 4.90 प्रतिशत करने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया,जिसके बाद रेपो रेट में इजाफा किया गया। आरबीआई कीअगली एमपीसी की बैठक 2-4 अगस्त 2022 को होगी।
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