RBI Monetary Policy
इंडिया न्यूज,नई दिल्ली। देश में बढ़ती महंगाई को काबू करने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बार फिरसे अपने रेपो रेट में वृद्धि की है। आरबीआई की मौदिक नीति समीक्षा (MPC) की तीन दिवसीय बैठक बुधवार को संपन्न हुई । बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांता दास ने की। MPC की बैठक में लिए गए फैसलों की बुधवार को प्रेस वार्ता के जरिये जानकारी देते हुए RBI गवर्नर दास ने कहा कि मौजूदा समय बढ़ती महंगाई पर काफी मंथन करने के बाद रेपो रेट में इजाफा किया गया है। इस बार केंद्रीय बैंक के रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। इस बढ़ोतरी के बाद अब देश में रेपो रेट 4.90 फीसदी हो गया है। केंद्रीय बैंक की ओर से रेपो रेट में वृद्धि से लोगों को बैंक से लोन लेना काफी महंगा हो गया है। महंगाई को काबू करने के लिए एक महीने अंतराल में आरबीआई ने दूसरी बार अपनी ब्याज दरों यानी रेपो रेट में बढ़ोतरी की है।
Statement by Shri Shaktikanta Das, RBI Governor https://t.co/U3sHH9bKAw
— ReserveBankOfIndia (@RBI) June 8, 2022
महंगाई नियंत्रण करने को लेकर हुई बैठक में चर्चा
आरबीआई की जून की तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 6-8 जून 2022 तक चली। तीन दिन तक चली MPC बैठक में आरबीआई के सदस्यों ने महंगाई और इकोनॉमिक ग्रोथ (Economic Growth) की वास्तुस्थिति पर काफी विचार-विमर्श किया। उसके बाद समिति के सदस्य इस बात पर सहमत हुए कि देश में बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए रेपो रेट में इजाफा फिर से किया जाना चाहिए। उसके बाद इस बैठक में लिए गए फैसले की गवर्नर शक्तिकांत दास ने जानकारी दी। इस फाइनेंशियल ईयर में यह आरबीआई एमपीसी की तीसरी बैठक थी।
महंगाई टॉलरेंस लेवल है काफी अधिक
इस दौरान गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि महंगाई टॉलरेंस लेवल से काफी अधिक है। इससे उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में रिकवरी की प्रक्रिया भी प्रभावित हो रही है, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है. हमने असाधारण अकोमोडेशन को धीरे-धीरे वापस लेना शुरू कर दिया है। देश की अर्थव्यवस्था पर जियो पॉलिटिकल टेंशन के प्रभाव को कम करने के लिए आरबीआई एक्टिव और निर्णायक बना रहेगा।
4 मई को रिजर्व बैंक ने बढ़ाया था रेपो रेट
इससे पहले रिजर्व बैंक ने पिछले महीने मई में आपातकाल मौद्रिक नीति समिति की बैठक बुलाकर रेपो रेट में इजाफा किया था। 4 मई को आरबीआई ने रेपो रेट को 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। जिसके बाद रेपो रेट बढ़कर 4.40 फीसदी हो गया। तब आरबीआई ने काफी लंबे अंतराल के बाद यानी मई 2020 के बाद रेपो रेट में पहली बार बढ़ोतरी की थी। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने मई में रेपो रेट के साथ ही कैश रिजर्व रेशियो (CRR) को भी 0.50 फीसदी बढ़ाने का फैसला किया था। हालांकि एमपीसी ने एकमोडेटिव मॉनीटरी पॉलिसी स्टान्स को बरकरार रखा था। सीआरआर में बढ़ोतरी के साथ बैंक ने सिस्टम से 87,000 करोड़ रुपए की लिक्विडिटी कम की थी
स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट्स भी बढ़े
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई को नियंत्रण करने के लिए रिजर्व बैंक ने स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट्स में भी 50 बेसिस प्वॉइंट बढ़ाने का फैसला किया है। इस बढ़ोतरी के साथ स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी रेट अब बढ़कर 4.65 फीसदी हो गया है, जबकि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट (MSFR) बढ़कर 5.15 फीसदी हो गया है। महंगाई को रोकने के लिए एमपीसी के सदस्यों ने ये फैसले लिए हैं।
इस वित्त वर्ष मुद्रास्फीति 6.7 फीसदी रहने का लगाया अनुमान
दास ने कहा कि 2022 में सामान्य मानसून और भारत में कच्चे तेल की औसत कीमत 105 डॉलर प्रति बैरल के रहने पर अब अब 2022-23 में मुद्रास्फीति 6.7% होने का अनुमान है। वहीं, 31 मई को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी प्रोविजनल अनुमानों के अनुसार, 2021-22 में भारत की GDP ग्रोथ 8.7% रहने का अनुमान है। 2021-22 में रियल GDP का स्तर महामारी से पहले यानी 2019-20 के स्तर से अधिक हुआ है।
इंडिविजुअल होम लोन की सीमा में होगा संशोधन
उन्होंने कहा कि घर की कीमतों में हुई वृद्धि को ध्यान में रखते शहरी सहकारी बैंकों और ग्रामीण सहकारी बैंकों द्वारा 2011 और 2009 में फिक्स किए गए इंडिविजुअल होम लोन की सीमा को 100% से संशोधित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोग UPI से अपने बचत और चालू खाते से अपने डेबिट कार्ड के माध्यम से लेन-देन कर सकते हैं। यह प्रस्तावित हुआ है कि लोग अपने ‘RuPay’ क्रेडिट कार्ड से भी UPI के माध्यम से लेन-देन कर सकेंगे। शुरूआत में ‘RuPay’ क्रेडिट कार्ड UPI प्लेटफॉर्म पर जुड़ सकेंगे।
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