RBI MPC Meet
इंडिया न्यूज, मुंबई: क्या देश में एक बार फिर से रेपो रेट में वृद्धि हो सकती है या फिर मौजूदा रेपो रेट से भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई लोगों को कुछ राहत देगा? इन सब संशयों के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) कीमॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक 3 अगस्त यानी आज से मुबंई में शुरू हो गई है। यह बैठक तीन दिनों तक चलेगी और इस बैठक में लिए फैसलों की जानकारी 5 अगस्त को प्राप्त होगी। MPC बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास कर रहे हैं। हालांकि महंगाई दर और दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों के रुख को देखते हुए ऐसा अनुमान है कि भारतीय केंद्रीय बैंक भी एक बार फिरसे रेपो रेट में इजाफा कर सकता है। वहीं, बाजार विशेषज्ञों का भी ऐसा ही अनुमान है। मौजूदा देश में नीति रिपो दर 4.90% है।
इतने फीसदी रेपो रेट बढ़ने का लगाया गया अनुमान
बाजार पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्रीय बैंक देश में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए रेपो रेट में वृद्धि जैसे कदम को उठा सकता है। इनका कहना है कि इस बार रिजर्व बैंक 0.25 फीसदी से 0.50 फीसदी के बीच रेपो रेट बढ़ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो यह पहली बार होगा कि आरबीआई ने तीन महीने के अंतराल में तीन बार नीतिगत ब्याज दरों में इजाफा किया गया हो। वहीं, इसके बढ़ते ही बैंकों से मिलने वाले तमाम तरीके को लोन महंगे हो जाएंगे,जिसका सीधा असर लोगों की जीवन पर दिखाई पड़ेगा।
रेपो रेट के साथ अन्य रूख को भी धीरे धीरे करेगा कड़ा
हाल में ही बोफा ग्लोबल रिसर्च की एक रिपोर्ट आई थी। इस रिपोर्ट में रेपो रेट की वृद्धि के अनुमान लगाए गए हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि केंद्रीय बैंक की एमपीसी की बैठक में 0.35 फीसदी रेपो रेट की वृद्धि कर सकती है। इसके अलावा बैंक अपने रुख को धीरे धीरे कड़ा करेगी। रिपोर्ट में कहा गया था कि रेपो रेट में आक्रामक 0.50 फीसदी या कुछ नरम 0.25 फीसदी की वृद्धि की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
आक्रामक तरीके से ब्याज दरें बढ़ाने की जरूरत नहीं
वहीं, हाउसिंग.कॉम के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने भी रेपो रेट में वृद्धि का अनुमान लगाया था। उन्होंने कहा था कि अमेरिका सहित विश्व के कई देशों के केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं। हालांकि भारत में ऐसी स्थिति नहीं है। फिलहाल, देश की स्थिति को देखते हुए यहां आक्रामक तरीके से ब्याज दरें बढ़ाने की जरूरत नहीं हैं। हालांकि उसके बाद भी अग्रवाल का कहना था कि इस बार केंद्रीय बैंक 0.20 से 0.25 फीसदी दर से ब्याज दरों में वृद्धि कर सकता है।
पिछले दिनों इतने फीसदी बढ़ा रेपो रेट
दरअसल, इससे पहले केंद्रीय बैंक ने कोरोना काल के बाद मई 2022 में 0.40 फीसदी की नीतिगत दरों में इजाफा किया था। उसके बाद एक महीने के अंतराल में ही जून 2022 को फिर से 0.50 फीसदी नीतिगत दरें यानी रेपो रेट में बढ़ोतरी की थी। तब रिजर्व बैंक का तर्क दिया था कि देश में महंगाई अपने चरम सीमा पर है, इससे रोकने के लिए रेपो रेट में वृद्धि की गई हैं। जबकि खुदरा मुद्रास्फीति पिछले 6 महीने से रिजर्व बैंक के 6 फीसदी के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है।
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