इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Reserve Bank: इस सप्ताह के बीच भारतीय रिर्जव बैंक मौद्रिक नीति समिति की बैठक करने जा रहा है। बैठक में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमिकॉन, रेटो रेट व रिवर्स रिपो रेट समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। संभावना इस बात की भी जताई जा रही है कि इस बैठक में आरबीआई रिवर्स रिपो रेट में शायद कुछ परिवर्तन करे। वहीं, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक से पहले भारतीय स्टेट बैंक के अर्थशास्त्रियों ने आरबीआई से रिवर्स रेपो रेट में बढ़ोतरी करने से बचने की सलाह दी है।
इस विषय पर एसबीआई के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि केंद्रीय बैंक को फिलहाल तरलता की स्थिति को सामान्य करने के लिए कदम नहीं उठाने चाहिए और अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के लिए और समय देना चाहिए।
रिवर्स रेपो रेट को यथावत रखा जाना चाहिए Reserve Bank
SBI के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अगर आरबीआई की एमपीसी पर होने वाली बैठक में रिवर्स रेपो दर को यथावत रखता है तो इससे आर्थिक पुनरुद्धार को और मजूबत करने के लिए समय मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक अभी तक अन्य उपायों के माध्यम से अतिरिक्त तरलता को कम करने की कोशिश कर रहा है। वहीं, एसबीआई समूह की मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने नोट में कहा कि स्थिति में अभी भी सुधार हो रहा है और आठ दिसंबर को अगली नीतिगत घोषणा में रिवर्स रेपो दरों को यथावत रखा जाना चाहिए।
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