Rupee Depreciation
इंडिया न्यूज,नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में गिरावट और विदेशी बाजार में डॉलर मजबूत होने की वजह से रुपए में गिरावट का दौर जारी है। हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को रुपया अपने शुरुआती कारोबारी में डॉलर के मुकाबले 13 पैसे नीचे कर 79.58 पर आ गया है। इससे पहले सोमवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 79.45 पर बंद हुआ था।
रुपया खुला 79.55 पर
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में आज रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 79.55 पर खुला था। बाद में गिरावट लेते हुए 79.58 पर आ गया। यह गिरावट पिछले बंद भाव के मुकाबले 13 पैसे की कमजोरी को दर्शाती है। हालांकि शुरुआती कारोबार में रुपया डॉलर की तुलना में 79.55 – 79.62 के दायरे में रहा।
आखिर क्यों हो रही गिरावट
इस गिरावट के इससे जुड़े एक कारोबारी ने बताया कि विदेशी फंड की लगातार बिकवाली और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की वजहों से भातीय मुद्रा पर दबाव बना हुआ है। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.27 प्रतिशत बढ़कर 108.31 पर पहुंच गया।
बैंक रुपया में निपटाएं आयात और निर्यात
उधर, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कल यानी सोमवार को एक बड़ा कदम उठाया। आरबीआई की ओर के बैकों को निर्देश दिया गया है कि वह अपने आयात-निर्यात के निपटारे रुपये में करें। आरबीआई के इस कदम से के बाद डॉलर पर भारत की निर्भरता कम होगी,क्योंकि अभी तक भारत आयात निर्यात के लिए डॉलर पर निर्भर है। इसके अलावा अधिकांश देश अपना कारोबार डॉलर पर करते हैं। वैश्विक बाजार में कुल 80 फीसदी आयात निर्यात देश डॉलर पर करते हैं, जिसके चलते यह दुनिया की सबसे ताकतवार मुद्रा बनी हुई है।
आम आदमी को भी मिलेगा फायदा
आरबीआई के रुपये पर आयात निर्यात वाले आदेश से आने वाले दिनों में इसका फायदा आम आदमी को भी मिलने वाला है। जैसे ही देश वैश्विक बाजार में रुपया से कारोबार करना शुरु कर देगा, वैसे कुछ चीजों के दाम सस्ते हो सकते हैं। हाल ही के महीनों में रुस ने भारत को कच्चा तेल सस्ते में ऑफर किया था। लेकिन भारत की निजी कंपनियों ने इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया और निर्यात पर ज्यादा जोर दिया। इसके अलावा भारत खाने के तेल, ड्राई फ्रूट्स, गैस, कोयला, दवाएं समेत कई चीजों को दूसरे देश आयाता करता है। ऐसे अगर रुपए में ट्रेडिंग होना शुरू हो जाएगी तो यह प्रोडक्ट सस्ते हो जाएंगे।
इससे पहले भी सुना चुकी यह फैसला
हालांकि आरबीआई का यह कोई पहला फैसला नहीं था। इससे पहले भी केंद्रीय बैंक ने वैश्विक बाजार में रुपये से ट्रेड करने की आदेश दिये थे,लेकिन कारोबारियों की ओर से कोई दिलचस्पी नहीं दिखी और फिरसे डॉलर में ट्रेड होना शुरू हो गया है।
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