Swift Network
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
यूक्रेन पर रूस ने जब से आक्रामक रवैया अपनाया है, तभी से अमेरिका सहित कई देश रूस पर आर्थिक प्रबंध लगा चुके हैं। वहीं अब ब्रिटिश सरकार रूस को वैश्विक स्विफ्ट नेटवर्क से भी बाहर करने के लिए जोर लगा रही है। यूक्रेन पर लगातार हो रहे हमलों से परेशान राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने भी जर्मनी और हंगरी से आग्रह किया है कि रूस को Swift Network से अलग करने में सपोर्ट करें। इसके अलावा यूरो जोन सेंट्रल बैंकर का कहना है कि स्विफ्ट नेटवर्क में रूस अब महज कुछ ही दिनों का मेहमान है।
जानना जरूरी है कि यूक्रेन और रूस की बीच युद्ध का आज चौथा दिन है। पहले 3 दिन रूस ने यूक्रेन में जमकर तबाही मचाई है। हालांकि अब रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीव से अब महज 30 किमी ही दूर हैं। हालांकि यूक्रेन की सेना रूस को रोकने की लगातार कोशिश कर रही है।
तनाव के बीच लाखों लोग यूक्रेन छोड़ रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक यूक्रेन के करीब 1 लाख लोग बॉर्डर पार कर पोलेंड में प्रवेश कर चुके हैं। युद्ध को रोकने के लिए लगातार कोशिशें जारी हैं और ब्रिटेन समेत कुछ देश स्विफ्ट नेटवर्क से रूस को काटने की तैयारी कर रहे हैं। जानते हैं कि आखिरकार यह स्विफ्ट नेटवर्क है क्या?
विश्वभर में मनी ट्रांजेक्शन का नेटवर्क है Swift
जानकारी के मुताबिक स्विफ्ट (सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्यूनिकेशन) एक ऐसा नेटवर्क है जिसे पैसों के लेन-देन और अन्य प्रकार के ट्रांजैक्शंस के लिए सुरक्षित तरीके से संदेशों को भेजने के लिए बैंक इस्तेमाल करते हैं। इसका इस्तेमाल विश्व में भारत समेत करीब 200 देशों के 11 हजार से अधिक वित्तीय संस्थान करते हैं। यह साल भर में 500 करोड़ से अधिक वित्तीय संदेशों को ट्रांसमिट करती है। स्विफ्ट के पास इंटरनेशनल बैंक अकाउंट नंबर (IBAN) और बीआईसी (बिजनेस आइडेंटिफायर कोड) को रिकॉर्ड करने की अथॉरिटी है।
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