Semiconductor Chip Shortage
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
सेमीकंडक्टर चिप की कमी से जूझ रहे आटोमोबाइल सेक्टर पर फिर से संकट के बादल मंडराने लगे है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण ग्राहकों को अब नया वाहन लेने में लम्बा इंतजार करना पड़ सकता है। दरअसल, रूस और पूर्वी यूरोप सेमीकंडक्टर में इस्तेमाल होने वाली धातुओं के बड़े सप्लायर हैं। यूक्रेन के साथ जारी तनाव के बीच यूरोप के कई देशों का व्यापार पर असर पड़ेगा। इस कारण पहले से चिप की कमी झेल रहे आॅटोमोबाइल सेक्टर की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।
वहीं, सेमीकंडक्टर की सप्लाई में और दिक्कतों की वजह से ग्राहकों के लिए वाहनों के लिए इंतजार के भी लंबा होने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट के मुताबिक वाहन बनाने वाली कंपनियों ने कहा है कि उन्होंने अब तक कोई असर होता नहीं देखा है और वे स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
इनपुट की लागत, जिसमें कुछ सुधार के संकेत दिख रहे थे, अब उसमें अचानक से बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। इसका कारण कच्चे तेल की कीमत का 100 डॉलर प्रति बैरल के पार चला जाना है। इसके साथ एल्युमीनियम, जो वाहन की मैन्युफैक्चरिंग में मुख्य मैटिरियल है, उसकी कीमतें भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। वहीं कीमती धातुओं जैसे रोडियम, प्लेटिनम और प्लेडियम, जिनका आटोमोबाइल में कैटेलैटिक कन्वर्टर्स में इस्तेमाल किया जाता है, उनकी कीमतें 30 से 36 हफ्तों की ऊंचाई पर पहुंच गई हैं।
एल्युमीनियम, जो कुल कच्चे माल की लागत का करीब 10 से 15 फीसदी होता है, वह इस तिमाही में 20 फीसदी ज्यादा महंगा हो गया है और करीब 250 रुपये प्रति किलोग्राम की रिकॉर्ड ऊंचाई के स्तर पर ट्रेड कर रहा है।
Also Read : श्रमिकों के लिए E-Shram Portal की शुरूआत, जानिए इसके फायदें
Also Read : Share Market में शानदार रिकवरी, सेंसेक्स 1300 अंक उछला