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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन वैश्विक बाजारों में बिकवाली के बीच चलते घरेलू शेयर बाजार में भारी गिरावट रही है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही प्रमुख इंडेक्स में लगभग 1.30 प्रतिशत की गिरावट आई है। Sensex 773 अंक फिसलकर 58152 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 231 अंकों की गिरावट के साथ 17374 के स्तर पर बंद हुआ है।
Sensex के आज 30 में से सिर्फ 3 शेयर ही हरे निशान पर बंद हुए हैं जबकि बाकी 27 शेयरों में बिकवाली हावी रही। सबसे ज्यादा गिरावट टेक महिंद्रा में 2.93 प्रतिशत रही। इसके बाद इंफोसिस, HCL Tech, SBI, Kotak Bank और एचडीएफसी का स्थान रहा। इससे पहले सेंसेक्स आज सुबह आज Sensex 479 अंक नीचे 58,447 पर खुला था। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी लाल निशान में 17,451 पर खुला था
सबसे ज्यादा गिरावट IT Index में
निफ्टी पर आईटी इंडेक्स 2.5 फीसदी से ज्यादा कमजोर हुआ है जबकि बैंक और फाइनेंशियल इंडेक्स में 1 फीसदी से ज्यादा गिरावट है। आटो इंडेक्स 1 प्रतिशत और रियल्टी इंडेक्स में करीब 2 फीसदी कमजोरी रही है।
इंडसइंड बैंक टॉप गेनर
टॉप गेनर की बात करें तो आज इंडसइंड बैंक टॉप पर रहा, इसके अलावा NTPC और Tata Steel हरे निशान में बंद हुए। अन्य एशियाई बाजारों में, हांगकांग, सियोल और शंघाई में शेयर नुकसान के साथ बंद हुए जबकि टोक्यो मजबूती के साथ बंद हुआ।
अमेरिका में महंगाई के कारण Bond Yield 2 प्रतिशत के पार
आज बाजर में गिरावट का मुख्य कारण अमेरिका में महंगाई का बढ़ना रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में महंगाई ने 40 सालों का रिकार्ड तोड़ा है जिस कारण बॉन्ड यील्ड (Bond Yield) अगस्त 2019 के बाद पहली बार 2 फीसदी के पार किया है।
बढ़ती महंगाई ने बॉन्ड की कीमत को कम कर दिया है जिससे यील्ड बढ़ गया है जब बॉन्ड की कीमत घटती है तो यील्ड बढ़ती है, जब बॉन्ड की कीमत बढ़ती है तो यील्ड घटती है। बॉन्ड यील्ड बढ़ने के कारण यह निवेशकों को ज्यादा आकर्षित करता है जिसके कारण बैंकों को डिपॉजिट पर इंट्रेस्ट रेट बढ़ाना होता है। डिपॉजिट पर ज्यादा इंट्रेस्ट देने पर बैंकों को लोन पर इंट्रेस्ट रेट भी बढ़ाना होगा।
ऐसी भी संभावना है कि बढ़ती यील्ड के कारण फेडरल रिजर्व इस साल 3-4 बार इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी कर सकता है। इंफ्लेशन में उछाल के कारण यील्ड में तेजी है। इससे शेयर बाजार के सेंटिमेंट पर बुरा असर होता है। दरअसल, जब निवेशक बॉन्ड में ज्यादा निवेश करने लगते हैं तो मांग बढ़ने के कारण भी यील्ड बढ़ जाती है।
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