Sim Card Fraud
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Sim Card Fraud: वर्तमान में लोग मोबाइल फ़ोन का बहुत ज़्यादा यूज़ करते है हर तरह की पेमेंट आप ऑनलाइन कर सकते है इसी चीज़ का फ़ायद उठाकर जालसाज मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर की मदत से लोगो के साथ धोका धड़ी करते है। मोबाइल सिम कार्ड स्वैपिंग का मतलब है, मोबाइल सिम कार्ड बदलना।
ये ठगी का नया तरीका है जो यूजर्स की जानकारी के बगैर किया जाता है। इस धोखा धड़ी के तहत जालसाज मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर की मदद से सेम नंबर पर नया सिम कार्ड जारी कर देते हैं। इसके बाद मोबाइल नंबर पर OTP के जरिए आपके बैंक अकाउंट और उससे जुड़ी सारी जानकारी हासिल कर लेते हैं।
ऐसे हो रहे है सिम फ्रॉड
सिम कार्ड फ्रॉड कई तरीको से किया जाता है जालसाज फिशिंग, विशिंग, स्मिशिंग आदि जैसे सोशल इंजीनियरिंग तकनीक के जरिए व्यक्ति के बैंक एकाउंट्स की डिटेल्स और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर हासिल कर लेते हैं। फिर हैकर असली सिम को ब्लॉक कराने के लिए नकली आईडी प्रूफ के साथ मोबाइल ऑपरेटर के रिटेल आउटलेट पर जाता है, और आपके ओरिजनल सिम को ब्लॉक करवा देता है।
इसके बाद वेरिफिकेशन होते ही ग्राहक की सिम डीएक्टिवेट कर दी जाती है। और नकली ग्राहक नया सिम कार्ड जारी कर लेते हैं। अब ठग फिशिंग साजिशों के जरिए पीड़ित व्यक्ति के एकाउंट्स में धोखाधडी और लेनदेन करने के लिए नए सिम का उपयोग करने लगते हैं।
फ्रॉड से बचने के उपाय
- अगर आपका नंबर इनएक्टिव होता है, खासतौर पर अगर उस खाते से बैंक अकाउंट जुड़े हैं तो तुरंत अपने मोबाइल ऑपरेटर से संपंर्क करें।
- सोशल इंजीनियरिंग तकनीकों जैसे फिशिंग, विशिंग, स्मिशिंग से सावधान रहें।
- बुरी परिस्थितयों से बचने के लिए तुरंत बैंक अकाउंट पासवर्ड चेंज कर दें।
- हमेशा अपने बैंक अकाउंट स्टेटमेंट समय रहते चेक करते रहें।
- रेगुलर sms अलर्ट के साथ-साथ ईमेल अलर्ट भी on रखें. ऐसे में अगर आपकी जानकारी के बिना कोई अमाउंट निकासी की जाती है तो आपको ईमेल पर अलर्ट दे दिया जाता है।
- फ्रॉड होने की स्थिति में तुरंत फोन बैंकिंग से संपर्क करें।
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