Start Business Of Making Bricks With Low Investment
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
अगर आप ग्रामीण इलाकों में रहते हैं और अपना बिजनेस करने की चाह रखते हैं, जो खेती या किसी तरह भी तरह के कामों से अलग हो। तो आज हम आपको ऐसे ही बिजनेस के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको काफी काम आ सकता है। आप फ्लाई ऐश ब्रिक्स मतलब सीमेंट इंट बनाने की यूनिट लगाकर अच्छी कमाई कर सकते हैं।
सीमेंट इंट का व्यवसाय एक अच्छा अवसर प्रदान करता है। अच्छी बात ये है कि अगर आपके पास इसके लिए निवेश नहीं है तो लोन लेकर भी शुरू कर सकते हैं। अब मिट्टी की ईंट के साथ सीमेंट या राख की इंट का इस्तेमाल भी घर और भवन बनाने में किया जाने लगा है। इस वजह से सीमेंट इंट की अच्छी खासी मांग होती है। इसके लिए इस्तेमाल होने वाली मैन्युअल मशीन को करीब 100 गज की जमीन में लगाया जाता है।
इस मशीन के जरिए आपको ईंट उत्पादन के लिए पांच से छह लोगों की जरूरत होगी। इससे रोजाना में करीब 3,000 ईंटों का उत्पादन किया जा सकता है। आपके पास इंट बनाने का बिजनेस के लिए पैसा नहीं है तो आप प्रधानमंत्री रोजगार योजना और मुद्रा लोन योजना के जरिये लोन लेकर इस बिजनेस की शुरूआत कर सकते हैं।
ऐसे बनती है इंटें
पिछले कुछ सालों में तेजी से नए घर और भवनों को बनाने का काम ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बढ़ने लगा है। यही कारण है कि छोटे-बड़े बिल्डर और ठेकेदार मकान और इमारतों को बनाने में फ्लाई ऐश ईंटों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ये ईंटें सीमेंट, स्टोन डस्ट और बिजली संयंत्रों से निकलने वाली राख से बनती है। इसके लिए आपको 100 गज की जमीन और दो लाख रुपये तक का निवेश करना होगा। मैन्युअल मशीन के जरिये आसानी से फ्लाई ऐश ईंटें बनाई जा सकती है, जिसमें 6 से 7 लोगों की जरूरत होती है। इस लागत में रोजाना 3,000 ईंटों को बनाया जा सकता है।
हर घंटे में एक हजार इंट का निर्माण
अगर आप मैनुअल की बजाय आटोमेटिक मशीन के जरिये ईंटों को बनाना चाहते हैं तो आपको 10 से 12 लाख रुपये के अलावा इन्वेस्टमेंट करना होगा। इस आटोमेटिक मशीन के जरिये कच्चे माल बनाने से लेकर ईंट का निर्माण आसानी से किया जा सकता है। साथ ही इस मशीन से आप एक घंटे में एक हजार ईंटों को आसानी से बना सकते हैं। वहीं महीने में तीन से चार लाख ईंट बना सकते हैं।
सीमेंट ईंट के फायदे
लाल इंट की तुलना में सीमेंट इंट से निर्माण किए गए घरों और भवनों में भूकंप और आग का असर कम होता है। इसके निर्माण में भट्टी नहीं लगाना पड़ती है जिससे किसी तरह का प्रदूषण नहीं फैलता है। सामान्य ईंट की तुलना में ये हल्की और बड़े आकार की होती है। सीमेंट ईंट के इस्तेमाल से कंस्ट्रक्शन कॉस्ट में 40 से 50 फीसदी की कमी आ जाती है। ब्रिक्स का इस्तेमाल करने पर प्लास्टर के दौरान कम मटेरियल लगता है।
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