Tuesday, November 19, 2024
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स्टार्ट-अप्स को मान्यता देने पर भारत दुनिया में नंबर वन, 75 हजार से अधिक स्टार्ट-अप्स मान्य, 7 लाख रोजगार हुए पैदा

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Start-Ups Recognition

इंडिया न्यूज,नई दिल्ली। भारत ने स्टार्ट-अप्स के मामले पर एक अहम उपलब्धि हासिल की है। इस उपलब्धि के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश में 75 हजार से अधिक स्टार्ट-अप्स को मान्य किया गया है। सबसे अधिक मान्यता आईटी सेवा क्षेत्र में मिली है। वहीं, इन स्टार्ट-अप्स ने देश में 7 लाख से अधिक रोजगार पैदा किये हैं। गोयल ने कहा कि यह संख्या परिकल्पना-शक्ति को साबित करती है,जो नवाचार और उद्यमिता आधारित विकास के बारे में हो।

इस साल घोषित हुआ नेशनल स्टार्टअप डे

देश मौजूदा समय आजादी के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। ऐसे में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की ओर 75 हजार से अधिक स्टार्ट-अप्स को मान्यता प्रदान करना अपने आप में एक मील का पत्थर है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2015 को लाल किले के प्राचीर से एक नये भारत की परिकल्पना करते हुए स्टार्ट अप्स की घोषणा की थी। साल 2022 में पीएम मोदी ने देश में हर साल 16 जनवरी को नेशनल स्टार्टअप डे मनाए जाने की घोषणा की थी।

हर दिन 80 से अधिक स्टार्ट-अप्स को मान्यता 

इन छह वर्षों के दौरान, उस कार्य-योजना से भारत को तीसरा सबसे बड़ा इको-सिस्टम बनाने में सफल दिशा-संकेत मिले। सबसे दिलचस्प बात है कि देश में 10 हजार स्टार्ट-अप्स को 808 दिनों में मान्यता मिली। वहीं, वहीं अब 10 हजार स्टार्ट-अप्स की मान्यता 156 दिनों में ही कर दी गई। इस हिसाब से प्रतिदिन 80 से अधिक स्टार्ट-अप्स को देश में सरकार की ओर से मान्यता प्रदान की जा रही है,जोकि यह दर विश्व में सर्वाधिक है।

7 लाख से अधिक पैदा किये रोजगार

डीपीआईआईटी ने बताया कि कुल मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप्स में से लगभग 12 प्रतिशत आईटी क्षेत्र, नौ प्रतिशत स्वास्थ्य-सुविधा और जीव विज्ञान, सात प्रतिशत शिक्षा, पांच प्रतिशत व्यावसायिक और वाणिज्यिक सेवाओं की और पांच प्रतिशत कृषि की जरूरतों से सम्बंधित क्षेत्रों से है। इन छह वर्षों में भारत के स्टार्ट-अप इको-सिस्टम ने 7.46 लाख रोजगार पैदा किये हैं।

49 फीसदी स्टार्ट-अप्स इन शहरों से 

डीपीआईआईटी ने कहा कि देश में कुल स्टार्ट-अप्स में से 49 प्रतिशत टीयर-2 और टीयर-3 शहरों से हैं, जो देश के युवाओं की जबरदस्त क्षमता का परिचायक है। इसमें गत 6 वर्षों में सालाना 110 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। स्टार्ट-अप इंडिया कार्यक्रम, जिसे प्रमुख रूप से स्टार्ट-अप के लिये सकारात्मक माहौल उपलब्ध कराने के लिये शुरू किया गया था, वह आज स्टार्ट-अप्स के लिये लॉन्च-पैड के रूप में तैयार हो गया है।

क्या होते हैं स्टार्टअप्स?

स्टार्टअप कंपनी एक ऐसी कंपनी होती है जिसने अभी कामकाज शुरू किया है। आप अकेले या कुछ लोगों के साथ मिलकर कंपनी की नींव रखते हैं जिसे इनक्युबेशन कहते हैं। यहां पर लोग अपनी-अपनी कुशलता और विशेषज्ञता लेकर आते हैं और नए कारोबारी आइडिया पर मिलकर काम करते हैं। इस तरह की कंपनी के जरिए ग्राहकों को एक यूनिक प्रोडक्ट या सर्विस दी की जाती है।

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