Story of Bank of Maharashtra
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
बैंक आफ महाराष्ट्र देश में महाराष्ट्र का प्रमुख बैंक है। यह 10.00 लाख रुपये की अधिकृत पूंजी के साथ 16 सितम्बर 1935 को पंजीकृत हुआ और 8 फरवरी 1936 को इसने सक्रिय रूप से व्यापार शुरू किया। स्थापना के बाद से इसे एक आम आदमी के बैंक के रूप में जाना जाता है।
छोटी इकाइयों को प्रारंभिक मदद देने के कारण इसने आज के कई औद्योगिक घरानों को जन्म दिया है। 1969 में राष्ट्रीयकरण के बाद बैंक का तेजी से विस्तार हुआ। अब इसकी में 1375 से अधिक शाखाएं हैं। महाराष्ट्र राज्य में किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की तुलना में यह सबसे ज्यादा शाखाओं के नेटवर्क वाला बैंक है।
बैंक की स्थापना स्वर्गीय वी. जी. काले और स्वर्गीय डी.के.साठे के नेतृत्व में स्वप्नदर्शी व्यक्तियों के समूह द्वारा की गयी थी और 16 सितंबर 1935 को पुणे में इसे एक बैंकिंग कंपनी के रूप में पंजीकृत किया गया। इनका स्वप्न आम आदमी तक पहुंचना और उनकी सेवा करना और उनकी सभी बैंकिंग जरूरतों को पूरा करना था। बैंक और इसके कर्मचारियों के सफल नेतृत्व ने उनके सपनों को पूरा करने का प्रयास किया है।
इस तरह से हुआ बैंक का इतिहास
1936: पुणे में 08-02-1936 को बैंक के परिचालन का प्रारंभ हुआ।
1938: बैंक की दूसरी शाखा 1938 को फोर्ट, मुम्बई में खोली गई।
1940: बैंक की तीसरी शाखा डेक्कन जिमखाना, पुणे में शुरू हुई।
1944: अनुसूचित बैंक का दर्ज़ा प्राप्त हुआ।
1946: जमाराशियों ने रु.एक करोड़ की सीमा पार की। पूरी तरह से अपने स्वामित्व में एक सहायक कंपनी ह्यदि महाराष्ट्र एक्जिक्यूटर एण्ड ट्रस्टी कंपनी गठित की। महाराष्ट्र के बाहर की पहली शाखा हुबली (मैसूर राज्य, अब कर्नाटक) में खोली गई।
1949: आंध्र प्रदेश में विस्तार: हैदराबाद शाखा खोली गई।
1963: गोवा में विस्तार: पणजी शाखा खोली गई।
1966: मध्य प्रदेश में विस्तार: इन्दौर शाखा खोली गई। गुजरात में प्रवेश : वडोदरा शाखा खोली गई।
1969: अन्य 13 बैंकों समेत राष्ट्रीयकृत हो गया। 19-12-69 को करोलबाग शाखा खोलकर दिल्ली में प्रवेश किया गया।
1974: जमाराशियों ने रु 100 करोड़ का लक्ष्य पार किया।
1976: मराठवाडा ग्रामीण बैंक पहला क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक 26-08-1976 को स्थापित किया गया।
1978: माननीय प्रधानमंत्री श्री मोरारजी देसाई द्वारा नए मुख्यालय का उदघाटन हुआ। जमाराशियों ने रु.500 करोड़ का लक्ष्य पार किया।
1979: अनुसंधान और विस्तृत कार्य शुरू करने एवं किसानों को अधिक विस्तृत सेवाएं प्रदान करने के लिए महाराष्ट्र कृषि अनुसंधान और ग्रामीण विकास प्रतिष्ठान (महाबैंक एग्रीकल्चर रिसर्च एंड रुरल डेवलपमेंट फाउंडेशन) नामक सार्वजनिक न्यास स्थापित किया गया।
1985: महाराष्ट्र राज्य की 500 वीं शाखा तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी के हाथों नरीमन पाइंट, मुम्बई में खोली गई। डॉ. मन पहला एडवांस लेजर पोस्टिंग मशीन (ए.एल.पी.एम.) शाखा में बिठाया गया। डॉ. मनमोहन सिंह गर्वनर, भारतीय रिजर्व बैंक के हाथों स्वर्ण जयंती समारोह शुरू किया गया।
1986: ठाणे ग्रामीण बैंक प्रायोजित किया गया।
1987: पुणे में बैंक की 1000वीं शाखा इन्दिरा वसाहत, बिबवेवाडी में भारत के माननीय उपराष्ट्रपति डॉ. शंकरदयाल शर्मा के हाथों खोली गई।
1991: महाबैंक किसान क्रेडिट कार्ड शुरू किया गया। इसके द्वारा घरेलु क्रेडिट कार्ड व्यवसाय में प्रवेश किया गया। मेन फ्रेम कम्प्यूटर स्थापित किया गया। एस.डब्ल्यू.आई.एफ.टी. (स्विफ्ट) का सदस्य बन गया।
1995: हीरक जयंती समारोह के अवसर पर भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर डॉ. सी.रंगराजन प्रमुख अतिथि थे। जमाराशियों ने रु. 5000 करोड़ का लक्ष्य पार किया गया।
1996: पहले की सी श्रेणी से ए श्रेणी में दाखिल हुआ। स्वायत्तता प्राप्त की गई।
2000: जमाराशियों ने रु.10,000 करोड़ का लक्ष्य पार किया।
2004: शेयर्स का सार्वजनिक निर्गम बी.एस.ई.और एन.एस.ई. में सूचीबद्ध सार्वजनिक की ओर से 24 प्रतिशत का स्वामित्व।
2005: बैंकाशुरन्स और मुच्युअल फंड वितरण व्यवसाय शुरू किया गया।
2006: कुल व्यवसाय का स्तर रु. 50,000 करोड़ पार कर चुका। शाखा सी.बी.एस. परियोजना प्रारंभ की गई।
2009: राष्ट्र की समर्पित सेवा के 75 वें वर्ष में प्रवेश किया। एकीकृत सर्वांगीण विकास के लिए 75 अल्प विकसित देहातों को अंगीकृत किया गया।
2010: 100 प्रतिशत सी.बी.एस. शाखाओं का लक्ष्य हासिल किया गया। कुल व्यवसाय ने रु.एक लाख करोड़ का लक्ष्य पार किया। प्लेटिनम वर्ष में 76 शाखाएँ खोलकर कुल शाखा संख्या 1506 हो गई।
स्वायत्तता
बैंक ने 1998 में स्वायत्त दर्जा प्राप्त किया। यह सरकार के हस्तक्षेप के बिना ही सरल प्रक्रियाओं के साथ अधिक से अधिक सेवाएं देने में मदद करता है।
सामाजिक पहलू
लाभ के पहलू की अनदेखी कर बैंक ने सामाजिक बैंकिंगके क्षेत्र में श्रेष्ठता हासिल की है, इसमें ग्रामीण क्षेत्रों की 38% शाखाओं के साथ प्राथमिकता क्षेत्र के ऋण का एक अच्छा हिस्सा है।
अन्य विशेषताएं
- बैंक राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति का संयोजक हैं।
- बैंक 131 शाखाओं में डिपोजिटरी सेवा और डीमैट सुविधा प्रदान करता है।
- बीमा पॉलिसियों की बिक्री के लिए बैंक का भारतीय जीवन बीमा निगम छकउ और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के साथ गठबंधन है।
- बैंक की सभी शाखाएं पूरी तरह कंप्यूटरीकृत हैं।
- भविष्य की योजना- 2009
- मार्च 2009 तक 85,500/- करोड़ रुपए के व्यवसाय स्तर को पार करना।
- बचत बैंक जमा में 19.84% की बढ़त और औसत बचत जमा की विकास दर में 17.69% की वृद्धि।
- करेंट डिपोजिट में 19.65% की बढ़त और औसत करेंट डिपोजिट में 17.29% की विकास दर।
- नए व्यापारिक केंद्रों पर 64 शाखाओं को खोलने और 3 विस्तार काउंटरों को संपूर्ण शाखाओं में परिवर्तित करने का प्रस्ताव है।
- 4 मुद्रा चेस्ट खोले जाने की योजना।
- एटीएम नेटवर्क को 345 से 500 तक बढ़ाने की योजना।
- चयनित शाखाओं पर बायोमेट्रिक एटीएम शुरू करना।
- इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और फोन बैंकिंग की शरुआत।
- कृषि के लिए विशेष संदर्भ के साथ स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा दिया जाए और छोटे और सीमांत
- किसानों के लिए वित्तपोषण में वृद्धि के लिए वित्तपोषण लागू किया जाए।
- बैंक का उपयोग न करने वाली आबादी को वित्तीय समावेश प्रदान करना।
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