इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Subsidy on Beekeeping : अगर देखा जाए तो दवाइयों से लेकर खाने तक में शहद का इस्तेमाल किया जाता है। कई बड़ी कंपनियां भी शहद की बिक्री करती हैं।
इस बिजनेस मधुमक्खी पालन से कई लोग कमाई कर रहे हैं। ये कम खचीर्ला घरेलू बिजनेस हैं। इस बिजनेस को कोई भी कर सकता है। मधु, परागकण आदि की प्राप्ति के लिए मधुमक्खियां पाली जातीं हैं।
यह एक कृषि उद्योग है। मधुमक्खियां फूलों के रस को शहद में बदल देती हैं और उन्हें छत्तों में जमा करती हैं। जंगलों से मधु एकत्र करने की परंपरा लंबे समय से लुप्त हो रही है।
बाजार में शहद और इसके उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण मधुमक्खी पालन अब एक लाभदायक और आकर्षक उद्यम के रूप में स्थापित हो चुका है। मधुमक्खी पालन के उत्पाद के रूप में शहद और मोम आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
इस बिजनेस को शुरू करने के लिए सरकार आपकी मदद करती है। ये शानदार बिजनेस कृषि संबंधित है। इस बिजनेस में कम निवेश में लाखों रुपये की कमाई आसानी से की जा सकती है, तो चलिए आपको इस बिजनेस से जुड़ी सभी बातें बताते हैं।
मधुमक्खी पालन कृषि और बागवानी उत्पादन बढ़ाने की भी क्षमता रखता है। मधुमक्खियां मोन समुदाय में रहने वाली कीटों वर्ग की जंगली जीव है। इन्हें उनकी आदतों के अनुकूल कृत्रिम गृह में पाल कर उनकी वृद्धि की जाती है।
मधुमक्खी पालन से केवल शहद या मोम का ही उत्पादन नहीं होता। इससे और भी कई चीजें मिलती हैं। मधुमक्खी पालन का बिजनेस आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।
इस बिजनेस को स्टार्ट करने में कृषि और कल्याण मंत्रालय ने “फसल उत्पादकता में सुधार के लिए मधुमक्खी पालन का विकास” नाम से एक केंद्रीय योजना शुरू की है।
इस योजना का उद्देश्य मधुमक्खी पालन के क्षेत्र को विकसित करना, प्रोडक्टिविटी बढ़ाना, प्रशिक्षण करना और जागरूकता फैलाना है।
राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड ने नाबार्ड के साथ मिलकर भारत में मधुमक्खी पालन के लिए आर्थिक मदद की भी योजनाएं शुरू की हैं। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए सरकार 80 से 85 फीसदी तक की सब्सिडी देती है। Subsidy on Beekeeping
Read More : Metro Brands IPO 10 दिसम्बर को खुलेगा, राकेश झुनझुनवाला की भी है हिस्सेदारी