इंडिया न्यूज,नई दिल्ली।
साल 2022 में नए आईपीओ भरमार है। 04 मई से भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का 21 हजार रुपये का आईपीओ निवेशक के लिए खुला ही है, कि एक और आईपीओ आ रहा है। सप्लाई चेन कंपनी डेल्हीवरी (Upcoming IPO) अपना आईपीओ बाजार में लेकर आ रही है। इस कंपनी का आईपीओ 11 मई से सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा और 13 मई तक चलेगा। निवेशक Delhivery में तीन दिन तक अपना पैसा लगा सकते हैं।
प्राइस बैंड 462-487 रुपये
हेल्हीवरी कंपनी आईपीओ को प्राइस बैंड 462-487 रुपये प्रति शेयर तय किया है। कंपनी बाजार से 5,235 करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है। पहले कंपनी 7,460 करोड़ रुपये का आईपीओ बाजार में उतारी रही थी,लेकिन उसके बाद कंपनी ने अपने आईपीओ के साइज को छोटा कर 5,235 करोड़ कर दिया है,जोकि यही आईपीओ का साइज है। कंपनी के शेयरों का अलॉटमेंट 19 मई को फाइनल हो सकता है और लिस्टिंग 24 मई को हो सकती है।
एंकर इन्वेस्टर्स 10 मई से लाएंगे पैसा
हेल्हीवरी 11 मई से सभी के लिए आईपीओ को खुल रही है लेकिन उससे पहले कंपनी 10 मई को एंकर इन्वेस्टर्स के लिए खुल रही है। पब्लिक इश्यू में 4,000 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे,जबकि कंपनी के मौजूदा शेयरहोल्डर्स के कार्लाइल ग्रुप और सॉफ्टबैंक और डेल्हीवरी के सह-संस्थापक लॉजिस्टिक्स कंपनी के 1,235 करोड़ रुपये आईपीओ ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत बेचे जाएंगे। इसमें कार्लाइल ग्रुप के 454 करोड़ रुपये के शेयर बेचेगी, जबकि सॉफ्टबैंक ग्रुप की एक इकाई एसवीएफ डोरबेल (केमैन) लिमिटेड 365 करोड़ रुपये के शेयर की बिक्री की जाएगी।
मिली राशि का उपयोग यहां करेगी कंपनी
आईपीओ से मिली राशि का उपयोग कंपनी ऑर्गेनिक ग्रोथ और अधिग्रहण विकास सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों को पूरा करने में करेगी। कंपनी ने 75 फीसदी क्वालिफाइड संस्थागत निवेशकों, 15 फीसदी गैर-संस्थागत निवेशकों और शेष 10 फीसदी खुदरा निवेशकों) के लिए आईपीओ को आरक्षित किया। वहीं, निवेशक कम से कम 30 इक्विटी शेयर या फिर उसके गुणक में बीट लगा सकते हैं।
कंपनी का काम
ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स कंपनी डेल्हीवरी (Delhivery) एक अखिल भारतीय नेटवर्क संचालित करती है। 17,045 पोस्टल इंडेक्स नंबर (पिन) कोड में सेवाएं प्रदान करती है। यह विभिन्न सेक्टर के 21342 सक्रिय कस्टमर्स को सप्लाई चेन सॉल्यूशंस उपलब्ध कराती है। इसमें एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, लाइफ स्टाइल, रिटेल, ऑटोमोटिव और मैन्यूफैक्चरिंग के ई-कॉमर्स मार्केटप्लेसेज, डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर ई-टेलर्स व एंटरप्राइजेज और एसएमईज शामिल हैं।
कंपनी की आर्थिक स्थिति
आर्थिक स्थिति की बात करें तो कंपनी को लगातार हानि हो रही है। वित्त वर्ष 2021-22 के शुरुआती 9 महीनों में 891.14 करोड़ शुद्ध हानि हुआ था। वित्त वर्ष 2019-20 में 268.93 करोड़ और वित्त वर्ष 2018-19 में 1783.30 करोड़ का घाटा हुआ था।
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