Tata Sons
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
एन चंद्रशेखर (N Chandrasekaran) को एक बार फिर से टाटा संस (Tata Sons) के चेयरमैन के लिए चुन लिया गया है। उन्हें यह पदभार दूसरी बार 5 साल के लिए सौंपा गया है। एन चंद्रशेखर का पहला 5 साल का कार्यकाल 20 फरवरी 2022 को खत्म हो रहा था।
शुक्रवार को टाटा सन्स के बोर्ड की बैठक में उनकी दोबारा नियुक्ति के लिए रतन टाटा का भी समर्थन मिला जो टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन हैं। बैठक में रतन टाटा को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया था और उन्होंने चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टाटा ग्रुप के पिछले पांच वर्षों में प्रदर्शन पर संतुष्टि जताई और अगले 5 साल के लिए दोबारा एन चंद्रशेखर को चेयरमैनी देने की सिफारिश की। बता दें कि एन चंद्रशेखर की अध्यक्षता में टाटा ग्रुप ने काफी तेज तरक्की है। उनकी दोबारा नियुक्ति का यही मुख्य कारण रही। एन चंद्रशेखरन के कार्यकाल में टाटा ग्रुप की कंपनियों के शेयर खरीदने वालों को बहुत ही अच्छा रिटर्न मिला है।
जनवरी 2017 में बने थे चेयरमैन
चंद्रशेखरन ने टाटा सन्स के बोर्ड को अक्टूबर 2016 में ज्वाइन किया था और जनवरी 2017 में चेयरमैन बने जिसका आफिशियल चार्ज फरवरी 2017 में संभाला। चंद्रशेखरन टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पॉवर और टीसीएस के बोर्ड में भी चेयरमैन हैं। उन्हें चंद्रा के नाम से भी पुकारा जाता है।
58 वर्षीय चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) ने टाटा सन्स में चेयरमैन का कार्यभार ऐसे समय में संभाला था जब ग्रुप नेतृत्व को लेकर आपसी विवाद में था। साइरस मिस्त्री के जाने के बाद ग्रुप को अच्छे भरोसे का संकट था। चंद्रशेखरन का पहले कार्यकाल का अधिकतम हिस्सा साइरस मिस्त्री के साथ कानूनी लड़ाई में ही बीता। चंद्रशेखरन ने टीसीएस को टाटा ग्रुप के लिए बहुत ही फायदेमंद बनाया था जिसके चलते टाटा का उन पर मजबूत भरोसा था और उन्हें मिस्त्री के उत्तराधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया था।
पूरी दुनिया में नाम है Tata Group का
टाटा ग्रुप का भारत ही नहीं बल्कि दुनिया में नाम है। कंपनी ने ईमानदारी की दम पर पूरी दुनिया में नाम कमाया है। टाटा ग्रुप के अंतर्गत 2 दर्जन से ज्यादा कंपनियां आती हैं। इसमें सबसे प्रमुख TCS, Tata Motors, Tata Steel, Tata Chemical और Tata Power शामिल हैं। है।
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