Tata Steel
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
रूस और यूक्रेन के बीच जारी महायुद्ध (Russia Ukraine War) का असर भारतीय कंपनियों में दिखने लगा है। जब से अमेरिका सहित यूरोप के देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं, तब से रूस से होने व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। न केवल तेल की सप्लाई बल्कि मेटल क्षेत्र (Metal Sector) भी इससे अछूता नहीं है। इसी बीच टाटा स्टील लिमिटेड ने कहा है कि वह रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच रूसी आपूर्तिकतार्ओं और बैंकों के साथ अनिश्चितता का सामना कर रही है और कोयले के आयात के लिए वैकल्पिक बाजारों की तलाश कर रही है।
टाटा स्टील (Tata Steel) के प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन ने कहा कि रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद के भू-राजनीतिक हालात ने यूरोप में इस्पात निर्यात के नए अवसर भी खोले हैं। इस संघर्ष के चलते रूस और यूक्रेन की आपूर्ति बाधित होने से यूरोप में 4.5 करोड़ टन इस्पात की कमी हो गई है। नरेंद्रन ने सीआईआई पूर्वी क्षेत्र की वार्षिक बैठक के मौके पर कहा कि टाटा स्टील कोयले के आयात के लिए वैकल्पिक बाजारों की तलाश करेगी। इस समय रूसी आपूर्तिकतार्ओं और बैंकरों को लेकर काफी अनिश्चितता है।
नरेंद्रन ने कहा कि टाटा स्टील बेहतर मार्जिन के लिए दक्षिणी यूरोप को अधिक निर्यात करने पर जोर देगी। उन्होंने कहा कि यदि यूक्रेन और रूस संघर्ष अगले कुछ महीनों तक जारी रहता है तो लागत में वृद्धि सभी को प्रभावित करेगी। उन्होंने कहा कि टाटा स्टील अपनी जरूरतों का कोयला 10-15 फीसदी रूस से खरीदती है। उन्होंने कहा कि कंपनी के यूरोपीय परिचालन के लिए उत्तरी अमेरिका से अधिक कोयला खरीदना होगा।
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