Taxpayers
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों के लिए इस बार बजट (Budget) 2022-23 में कोई खास ऐलान नहीं हुआ है। टैक्सपेयर्स की उम्मीद थी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) कोरोना काल को देखते हुए कुछ राहत का ऐलान करेंगी। हालांकि कुछ ही दिन पहले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन जे बी महापात्र ने बताया था कि टैक्सपेयर्स एक आकलन वर्ष में सिर्फ एक बार ही अपना आयकर रिटर्न अपडेट कर सकेंगे।
इस प्रावधान का मुख्य उद्देश्य उन लोगों को रिटर्न दाखिल करने का मौका देना है जो किसी कारणवश ऐसा नहीं कर पाए हैं। महापात्र ने कहा था कि ऐसे टैक्सपेयर्स एक आकलन वर्ष में सिर्फ एक बार अपने इनकम टैक्स रिटर्न को अपडेट कर सकेंगे। लेकिन इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट 2022 में इनकम टैक्स से जुड़ी कुछ अन्य रियायतें भी दी हैं, जिनका आम आदमी पर भी असर पड़ेगा।
- ITR में यदि किसी टैक्सपेयर्स ने आकलन करने में कोई गलती की है तो अब आयकर विभाग ऐसी गलतियों को सुधारने का मौका देगा। इसके लिए टैक्सपेयर को अतिरिक्त टैक्स अदा कर रिवाइज आईटीआर भरने का मौका मिलेगा।
- इस बार बजट (Budget) में सहकारी समितियों और कंपनियों के बीच समानता लाने की कोशिश भी की गई है। दरअसल, सहकारी समितियां साढ़े 18 प्रतिशत की दर पर टैक्स अदा करती हैं। जबकि कंपनियां 15 प्रतिशत की दर से पेमेंट करती हैं। लेकिन अब सहकारी समितियों भी 15 प्रतिशत की दर से टैक्स भर पाएंगी। सहकारी समितियों के लिए अधिभार की दर भी मौजूदा 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत करने का प्रस्ताव इस बार बजट में किया गया है।
- इस बार बजट में दिव्यांगों के माता-पिता के लिए भी कुछ राहत देने की बात की गई है। दिव्यांग आश्रितों को माता-पिता/अभिभावकों के जीवित रहते उनके 60 साल के होने पर प्रीमियम और एकमुश्त रकम की अदायगी की इजाजत देने का प्रस्ताव किया गया है। अभी कानून में माता-पिता या अभिभावक को तभी टैक्स छूट का फायदा मिलता है, जब दिव्यांग व्यक्ति के माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु हो गई हो या 60 साल से ज्यादा की उम्र हो।
- बजट में राज्य सरकार के कर्मचारियों को एनपीएस खाते में नियोक्ता के योगदान पर कर कटौती सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। फिलहाल केंद्र सरकार राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (ठढर) ळ्री१-क में अपने कर्मचारियों के वेतन में 14 प्रतिशत का योगदान करती है। लेकिन राज्य कर्मचारियों के मामले में ऐसी कटौती वेतन के 10 प्रतिशत की सीमा तक ही स्वीकृत है। अब ये असमानता भी कम की जाएगी।
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