Punjab and Sind Bank
इंडिया न्यूज, अम्बाला:
भाई वीर सिंह, सर सुंदर सिंह मजीठा और सरदार तरलोचन सिंह ने अमृतसर में 24 जून 1908 को पंजाब एंड सिंध बैंक की स्थापना की। इसका मुख्यालय नई दिल्ली के राजेंद्र प्लेस में है। यह एक राष्ट्रीयकृत बैंक है। इस समय पंजाब एंड सिंध बैंक का मालिक भारत सरकार है, जिसके पास 83 फीसदी शेयर हैं। इस बैंक की लगभग 1526 शाखाएं हैं। इसमें से 635 शाखाएं पंजाब में हैं। भारत में लगभग 25 जोनल आफिस हैं।
बैंक के सीईओ एस कृष्णनी हैं। (2020) के अनुसार राजस्व इसका 8,826.92 करोड़ (यूएस $1.2 बिलियन)। बैंक का कुल कारोबार 1,52,231.75 करोड़ रुपये है। कुल इक्विटी वृद्धि 701.05 करोड़ (यूएस $93 मिलियन) है। 2020 के अनुसार इस बैंक में 8862 कर्मचारी हैं। पूंजी अनुपात 12.76 फीसदी है। इसकी कुल संपत्ति में वृद्धि 110,481 करोड़ (यूएस $15 बिलियन)है। पंजाब एवं सिंध बैंक उत्तर भारत का प्रमुख बैंक है। इसके लगभग 900 शाखाओं में से 400 पंजाब में हैं।
BOB ने RBI के कहने पर लंदन में किया था अधिग्रहण
15 अप्रैल 1980 को पंजाब एंड सिंध बैंक उन 6 बैंकों में शामिल था जिनका दूसरी लहर में भारत सरकार ने राष्ट्रीयकरण किया। (पहली लहर 1969 में आई थी जब सरकार ने शीर्ष 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था।)। 1960 के दशक में पंजाब एंड सिंध बैंक ने लंदन में एक शाखा की स्थापना की।
1987 में सेठिया धोखाधड़ी में पंजाब एंड सिंध की संलिप्तता के बाद 1991 में बैंक आफ बड़ौदा ने भारतीय रिजर्व बैंक के इशारे पर Punjab and Sind Bank की लंदन शाखा का अधिग्रहण किया। 2004 के बाद से, बैंक ने साल दर साल 40% से अधिक की वृद्धि दिखाई है और इसके आईपीओ को 50 गुना से अधिक अभिदान मिला है। बताते हैं वित्त वर्ष 2019-20 में पंजाब एंड सिंध बैंक ने 990.80 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया।
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