Provident Fund
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
रिटायरमेंट प्रॉविडेंट फंड को पीएफ या ईपीएफ के रूप में जाना जाता है। जहां से आपको सेवानिवृत्ति में एक महत्वपूर्ण हिस्सा प्राप्त होता है। कर्मचारियों को प्रॉविडेंट फंड को लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए, नहीं तो नुकसान उठाना पड़ सकता है। दरअसल, नौकरी छोड़ने के बाद अगर आप अपने ईपीएफ अकाउंट में कोई ट्रांजेक्शन नहीं करते हैं तो निश्चित समय तक ही ये एक्टिव रहता है।
वहीं, इस पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्सेबल इनकम में तब्दील हो जाता है। रिटायरमेंट के लिए प्रोविडेंट फंड से बेहतर निवेश विकल्प कोई नहीं होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ईपीएफ में निवेश करने वालों को काफी फायदे मिलते हैं। पहला फायदा ये कि इनकम टैक्स में सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर टैक्स छूट है. साथ ही ब्याज भी काफी अच्छा है।
निकासी पर कंपाउंडिंग ब्याज का फायदा कम
ईपीएफ के निवेश पर फिलहाल 8.50 फीसदी की ब्याज मिला है। ब्याज पर कम्पाउंडिंग का भी फायदा है। आसान भाषा में कहें तो जितना ज्यादा निवेश होगा ब्याज उतना ही मोटा मिलेगा. लेकिन, नौकरी बदलने पर अक्सर लोग ईपीएफ का पैसा निकाल लेते हैं या फिर जरूरत पड़ने पर निवेश को तोड़ देते हैं। ऐसा करने से मिलने वाले फायदे कम होते जाते हैं।
सेवानिवृत्ति फंड टैक्स फ्री
ईपीएफओ के मुताबिक अगर आपने नौकरी के दौरान कभी भी पीएफ का पैसा नहीं निकाला तो रिटायरमेंट के समय आपको कई फायदे मिलेंगे। पहला ये कि रिटायरमेंट के लिए अच्छी रकम जमा होगी। लगातार कंपाउंडिंग ब्याज का फायदा मिलेगा। वहीं, रिटायरमेंट के बाद मिलने वाला फंड पूरी तरह से टैक्स फ्री होगा. लेकिन, इसमें ध्यान यही रखना है कि रिटायरमेंट से पहले किसी भी तरह का विड्रॉल ना किया गया हो।
पेंशन का फायदा (Provident Fund)
रिटायरमेंट से पहले अगर पीएफ अकाउंट से किसी भी तरह की निकासी नहीं की गई है तो आपको पेंशन का फायदा मिलेगा। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन(ईपीएफओ) की कर्मचारी पेंशन स्कीम (ईपीएस) के तहत हर माह कुछ रुपए पेंशन के रूप में मिलेंगे।
दरअसल, नियम मुताबिक 10 साल तक बिना किसी निकासी के अगर ईपीएफ खाता चलता है तो उस सदस्य की पेंशन शुरू हो जाती है। बता दें, ईपीएफ में एम्प्लॉयर की तरफ से जमा होने वाली रकम का कुछ हिस्सा पेंशन फंड में भी जाता है। इसी पेंशन फंड से 58 साल के बाद पेंशन रिटायरमेंट पेंशन का लाभ मिलना शुरू हो जाता है।
ईपीएफ निकालते समय रखें ध्यान
अगर आप रिटायर होने वाले हैं या फिर रिटायर हो चुके हैं और अभी तक पीएफ का पैसा नहीं निकाला है तो आपको नुकसान हो सकता है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के मुताबिक रिटायरमेंट के बाद अगर ईपीएफ खाते से पैसा निकालने में देरी होती है तो आपकी रकम पर जो ब्याज आएगा उस पर टैक्स चुकाना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि, ईपीएफ के ब्याज पर मिलने वाली टैक्स छूट की सुविधा सिर्फ कर्मचारियों के लिए होती है और रिटायरमेंट के बाद व्यक्ति को कर्मचारी की श्रेणी में नहीं माना जाता।
पांच साल के पहले ना निकालें Provident Fund
अगर किसी वजह से नौकरी के दौरान ही आपको पैसों की जरूरत पड़ती है और आप पीएफ का पैसा निकालना चाहते हैं तो ध्यान रखें कि इसके लिए आपकी नौकरी कम से कम 5 साल की होनी चाहिए। दरअसल, अगर 5 साल की नौकरी से पहले ही पीएफ खाते से पैसा निकाला जाता है तो उस पर टैक्स देना होगा. लेकिन, 5 साल की नौकरी होने के बाद फंड से पैसा निकालेंगे तो आपको टैक्स फ्री पैसा मिल जाएगा।
ब्याज का फायदा (Provident Fund)
ईपीएफ खातों को दो कैटेगरी में रखा जाता है। एक एक्टिव खाता होता है, जिसमें नियमित रूप से निवेश होता है। वहीं, दूसरा निष्क्रिय खाता होता है, जिसमें तीन साल से कोई नया निवेश नहीं हुआ है। एक्टिव खातों पर लगातार हर साल ब्याज मिलता है।
वहीं, 2016 के बाद से निष्क्रिय खातों पर भी ब्याज मिलता है। इससे पहले 2011 में निष्क्रिय खातों पर ब्याज देना बंद हो गया था. लेकिन, 2016 में इस दोबारा शुरू किया गया। अगर खाता निष्क्रिय है और अकाउंट होल्डर की उम्र 58 साल हो चुकी है तो ब्याज बंद हो जाएगा. लेकिन, 58 साल तक उसे ब्याज का फायदा मिलेगा। अगर अकाउंट होल्डर रिटायर है और खाता निष्क्रिय हो चुका है तो ईपीएफओ ब्याज नहीं देगा।
Read More : Indian Railway चलाने जा रहा है कई अनारक्षित स्पेशल ट्रेन