इंडिया न्यूज,नई दिल्ली।
India Sotheby’s International Realty: संपत्ति सलाहकार कंपनी इंडिया सोथबीज इंटरनेशनल रियल्टी ने राजधानी दिल्ली की सत्तारूढ़ दल आम आदमी पार्टी (आप) को एक सलाह दी है। सरकार राष्ट्रीय राजधानी में घर खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए अधिक से अधिक परियोजनाओं और बिचौलियों को रेरा के दायरे में लाना चाहिए। इसके लिए सरकार को अपने रियल एस्टेट (नियमन और विकास) कानून में बदलाव करने की आवश्यकता है। इस संदर्भ में शुक्रवार को एक रिपोर्ट जारी की गई है।
दिल्ली में दर्ज है 32 परियोजना India Sotheby’s International Realty
सलाहकार कंपनी ने अपनी रिपोर्ट ‘राष्ट्रीय राजधानी में एक स्वस्थ अचल संपत्ति बाजार में बताया कि दिल्ली में केवल 32 परियोजनाओं का ही दिल्ली रेरा के पास पंजीकरण हुआ है। रिपोर्ट में इस बात की विशेष जरूर देते हुए कहा कि रेरा कानून में संशोधन की तत्काल जरूरत है। इस कानून में 200 वर्ग मीटर या चार मंजिला ईमारत वाली परियोजना को शामिल किया जाना चाहिए। इस कानून के अनुसार प्रस्तावित भूमि का क्षेत्रफल 500 वर्ग मीटर से अधिक या अपार्टमेंट की संख्या सभी चरणों को मिलाकर आठ से अधिक नहीं होने पर अचल संपत्ति परियोजना का पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं होती है।
कानून के संसोधन होने से 90 प्रतिशत आवासीय परियोजना रेरा कानून के दायरे India Sotheby’s International Realty
रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक इस संशोधन से दिल्ली की लगभग 90 प्रतिशत आवासीय परियोजना रेरा कानून में दायरे में आ जायेगी। रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली में रेरा के तहत पंजीकृत परियोजनाओं की यह संख्या केंद्र शासित प्रदेश में सबसे कम है। आपको बता दें कि देश भर के विभिन्न राज्यों में नवंबर 2021 तक रेरा के तहत कुल 71,307 परियोजनाओं का पंजीकरण दर्ज किया गया। इसमें 32 परियोजनाएं दिल्ली रेरा के पास दर्ज हैं।
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