Trade Unions Strike
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
कर्मचारियों, किसानों और आम लोगों पर प्रतिकूल असर डालने वाली सरकार की कथित गलत नीतियों के विरोध में ट्रेड यूनियन्स के ज्वाइंट फोरम की आज से 2 दिवसीय देशव्यापी हड़ताल है जिसका असर दिखाई दे रहा है। वहीं हरियाणा में मांगों को लेकर रोडवेज यूनियन भी 2 दिनों की हड़ताल पर है।
उधर, केंद्रीय श्रमिक संगठनों की 2 दिवसीय राष्ट्रीय हड़ताल शुरू हो गई है। इस हड़ताल का बैंकिंग और ट्रांसपोर्ट सर्विस पर बुरा असर दिख रहा है। हड़ताल को लेकर सेंट्रल ट्रेड यूनियन के ज्वाइंट फोरम की 22 मार्च को बैठक हुई थी जिसमें इसमें देश के अलग-अलग यूनियन को नोटिस जारी कर 28 और 29 मार्च को होने वाली हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई थी. ज्वाइंट फोरम में कुल 10 ट्रेड यूनियन शामिल है।
हड़ताल में कई बैंक यूनियन शामिल
रविवार को स्टेट बैंक आफ इंडिया ने कहा था कि इंडियन बैंक एसोसिएशन, आल इंडिया बैंक एंप्लॉयी एसोसिएशन (AIBEA), बैंक एंप्लॉयी फेडरेशन आॅफ इंडिया (BEFI), आल इंडिया बैंक आॅफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA) ने नोटिस जारी कर इस हड़ताल में शामिल होने की अपील की है
इन जगह हड़ताल का ज्यादा असर
अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की महासचिव अमरजीत कौर ने कहा कि केंद्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चे की तरफ से बुलाई गई दो दिनों की राष्ट्रीय हड़ताल शुरू हो गई है। हड़ताल को झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कोयला खनन क्षेत्रों के अलावा असम, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, बिहार, पंजाब, राजस्थान, गोवा और ओडिशा के औद्योगिक क्षेत्रों से अच्छी प्रतिक्रिया देखी जा रही है।
पूर्वी भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तमाम शाखाएं बंद
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि इस हड़ताल का असर पूर्वी भारत में ज्यादा देखा जा रहा है और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तमाम शाखाएं बंद हैं।
अन्य क्षेत्रों में बैंकों की शाखाओं में अधिकारियों की मौजूदगी होने के बावजूद कर्मचारियों के अनुपस्थित होने से कामकाज प्रभावित हो रहा है। भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघ (बीईएफआई) और अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओआई) भी इस हड़ताल को अपना समर्थन दे रहे हैं।
बैंक और बीमा क्षेत्र की सेवाएं भी प्रभावित
बताया गया है कि हड़ताल के कारण बैंकों एवं बीमा क्षेत्र की सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। स्टील एवं तेल क्षेत्रों पर इसका आंशिक असर देखा जा रहा है। हड़ताल ने बैंकों के कामकाज पर भी असर डाला है। हालांकि यह असर आंशिक रूप से ही देखा जा रहा है क्योंकि बैंक कर्मचारी संगठनों का एक हिस्सा ही इस हड़ताल का साथ दे रहा है।
जयपुर में मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन (Bank Strike)
राजस्थान में ट्रेड संघों ने भारत बंद का आह्वान किया है। इनमें प्रमुख रूप से चार श्रमिक कानून और जरूरी सेवा रक्षा अधिनियम रद्द करने, संयुक्त किसान मोर्चा की मांगों वाले 6 सूत्री घोषणापत्र को स्वीकार करने साथ ही मनरेगा के लिए आवंटन बढ़ाने और सभी निजीकरण को खत्म करने की मांग की गई है।
इसके अलावा आयकर दायरे के बाहर वाले परिवार को 7500 रुपए प्रतिमाह सहायता देने की अपील की गई है। राजधानी में ट्रेड संघों ने जयपुर में खासा कोठी से जिला कलेक्ट्रेट तक निकाला पैदल मार्च निकालकर विरोध जताया।
लगातार 4 दिन नहीं मिलेंगी Banking Services
मार्च के आखिरी सप्ताह में हड़ताल होने से उद्योग, व्यापार, सर्विस सेक्टर से जुड़े लोगों को परेशानी बढ़ेगी। साप्ताहिक अवकाश के चलते बैंक दो दिनों तक पहले ही बंद थे, ऐसे में 2 और दिन बंद होने से देश भर में बैंकिंग कामकाज पर बुरा असर पड़ेगा।
इसके अलावा एटीएम में भी कैश की दिक्कत हो सकती है. देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई पहले ही इसकी आशंका व्यक्त कर चुका है। बैंकिंग और इंश्योरेंस समेत फाइनेंशियल सेक्टर ने भी हड़ताल को समर्थन देने का भरोसा जताया है। इनके अलावा आयकर, दूरसंचार, डाक, कोयला, इस्पात, तेल समेत अन्य क्षेत्रों के कर्मचारी भी भारत बंद में शामिल हो रहे हैं।
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