Ukraine Crisis
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग (Russia Ukraine War) को एक महीना होने वाला है। लेकिन अभी तक ये जंग खत्म होती नजर नहीं आ रही है। इसी बीच अब यूक्रेन में मानवीय संकट गहराने का डर है। इसी को लेकर रूस ने यूक्रेन में मानवीय संकट पर यूएनएससी में प्रस्ताव रखा था जिसे सुरक्षा परिषद ने अस्वीकार कर दिया, क्योंकि इसे केवल रूस व चीन का ही समर्थन मिला था।
भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में रूस के प्रस्ताव से दूरी बनाकर अपना तटस्थ रुख कायम रखा है। इस दौरान यूएनएससी (UNSC) के 12 अन्य सदस्यों सहित भारत ने रूस के प्रस्ताव पर खुद को अलग रखा।
जानना जरूरी है कि भारत ने पहले के मौकों पर भी यूक्रेन पर रूस के प्रस्तावों पर सुरक्षा परिषद में हुए मतदान से दूरी बनाई थी। ब्रिटेन (Britain) के राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने कहा कि उनका देश यूएनएससी (UNSC) में रूस के ऐसे किसी प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग नहीं करेगा, जो यह नहीं मानता कि वह यूक्रेन में मानवीय बबार्दी का एकमात्र कारण नहीं है।
जानिए क्या था रूस का प्रस्ताव
रूस द्वारा सुरक्षा परिषद में दिए गए प्रस्ताव में कहा गया था कि यूक्रेन में बच्चे, आम नागरिक, मानवीय कर्मचारियों के साथ ही महिलाओं समेत पूरी तरह से सुरक्षित हैं। रूस की तरफ से प्रस्ताव में यह भी कहा गया था कि लोगों को यूक्रेन से सुरक्षित व तेजी से निकालने के मकसद वार्ता के लिए सीजफायर का आह्वान किया गया था।
यूक्रेन में बिगड़ते मानवीय हालात के लिए रूस जिम्मेदार :अमेरिका
रूस के प्रस्ताव को संयुक्त राज्य अमेरिका (America) ने दुस्साहस करार दिया है। यूएन में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा, संयुक्त राज्य अमेरिका खुद को इस प्रस्ताव से दूर रखना चाहता है, क्योंकि यूक्रेन में बिगड़ते मानवीय हालात के लिए रूस जिम्मेदार है।
रूस लाखों लोगों की जिंदगी व ड्रीम्स के बारे में बिना सोचे समझे यूक्रेन पर युद्ध जारी रखे हुए है जिससे यूक्रेन बर्बाद हो गया है। रूस को अगर यूक्रेन की चिंता है तो वह जंग को तत्काल प्रभाव रोके। रूस आक्रमणकारी व हमलावर है। वह यूक्रेन के लोगों के खिलाफ क्रूरता में जुटा है। ऐसे में ऐसा प्रस्ताव पारित करवाकर खुद को दोषी बनाने से बचाना चाहता है।
यूक्रेन में मानवीय स्थिति पर यूएनएससी को अपनी भूमिका निभानी चाहिए : चीन
सुरक्षा परिषद में सिर्फ चीन ही ऐसा देश रहा जिसने रूस के प्रस्ताव का समर्थन किया। इस दौरान चीन के प्रतिनिधि झांग जून ने कहा कि सुरक्षा परिषद को यूक्रेन में मानवीय स्थिति में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने बीजिंग की छह-सूत्रीय पहल की तरफ इशारा कर सुरक्षा परिषद के सदस्यों से कहा कि रूस के पक्ष में वोट यूक्रेन में मानवीय स्थिति को प्राथमिकता देने के मकसद से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का आह्वान था।
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