White Paper to be Released on Kejriwal World Class Education Model
इंडिया न्यूज,नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने केजरीवाल सरकार के तथाकथित वर्ल्ड क्लास शिक्षा मॉडल की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इस मॉडल की पूरी हकीकत जनता के सामने लाई जानी चाहिए। उन्होंने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि दिल्ली के शिक्षा मॉडल पर श्वेत पत्र जारी किया जाए, ताकि जनता को पता चल सके कि राजधानी में शिक्षा के नाम पर किस तरह सफेद झूठ बोला जा रहा है। हकीकत यह है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के शिक्षा ढांचे का भट्टा बिठा दिया है।
स्कूल एक भी नहीं खुला ऊपर कम कर दिए
बिधूड़ी ने कहा कि आम आदमी पार्टी हर साल 100 नए स्कूल खोलने का वादा करके सत्ता में आई थी। दिल्ली में नए स्कूल खोलना तो दूर स्कूलों को मर्ज करके 31 स्कूल कम कर दिए गए हैं। 600 के करीब वोकेशनल टीचर भर्ती किए गए, लेकिन उन्हें इतनी कम सैलरी दी जाती है कि वे काम करने के लिए ही तैयार नहीं हैं। दिल्ली के 1027 सरकारी स्कूलों में से 745 में तो साइंस और कॉमर्स की पढ़ाई ही नहीं होती। अगर दिल्ली के स्कूलों का असली हाल ही दिखाना है तो खजूरी खास जैसे स्कूलों को देखा जा सकता है जहां एक स्कूल में दो शिफ्टों में 7 हजार और दूसरे दूसरे स्कूल में 12 हजार से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं। एक-एक क्लास में 100 से भी ज्यादा बच्चे हैं, जबकि मानकों के अनुसार 40 बच्चों से ज्यादा एक क्लास में नहीं होने चाहिए।
19 करोड़ के प्रचार में दो छात्रों को मिला लोन
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के नाम पर दिल्ली सरकार के 28 कॉलेजों में दिल्ली सरकार फंड ही नहीं जारी कर रही। इनमें से 12 कॉलेजों में शत प्रतिशत और 16 कॉलेजों में 5 प्रतिशत फंड दिल्ली सरकार देती है। 12 कॉलेजों की स्थिति तो यह है कि वहां कई महीनों से शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को वेतन ही नहीं मिल रहा। केजरीवाल ने उच्च शिक्षा के नाम पर लोन का वादा किया और पिछले साल 2021-22 में सिर्फ दो छात्रों को ही यह लोन दिया गया। इस योजना के प्रचार पर ही केजरीवाल सरकार ने 19 करोड़ 27 लाख से ज्यादा की राशि खर्च कर दी।
दिल्ली की शिक्षा मॉडल से देश को दिया जा रहा धोखा
बिधूड़ी ने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि वह दिल्ली के मुख्य सचिव को निर्देश दें कि दिल्ली के तथाकथित वर्ल्ड क्लास शिक्षा मॉडल पर श्वेत पत्र तैयार कराएं, क्योंकि इस मॉडल से सिर्फ दिल्ली को ही नहीं ठगा गया, बल्कि पूरे देश को धोखा देने की कोशिश की जा रही है।
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