Inflation
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
साल 2021 के आखिर में भारत में ओमिक्रान वेरिएंट के कारण कोरोना वायरस की तीसरी लहर आई। इस कारण कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए जिससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार फिर से धीरे हो गई। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विश्व के कई सारे देशों में कोविड प्रतिबंधों के कारण अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। बहुत सारे देशों में महंगाई (Inflation) बढ़ी है।
वहीं साल 2021 की तरह 2022 में भी महंगाई बड़ी समस्या रहने वाली है। महंगाई से त्राहिमाम कर रही जनता को इस साल भी ज्यादा राहत मिलने के आसार कम हैं। दरअसल एक रिपोर्ट में 500 इकोनॉमिस्ट को लेकर सर्वे किया गया है।
सर्वे में दुनिया के 46 देशों को शामिल किया गया। इन 500 इकोनॉमिस्ट के मुताबिक चुने गए 46 देशों में से ज्यादारतर देशों में इस साल महंगाई (Inflation ) अपनी मार मारेगी। इनका मानना है कि अलगे साल 2023 में महंगाई से कुछ राहत मिल सकती है।
ग्लोबल ग्रोथ रेट 0.2 फीसदी घटाया
इन अर्थशास्त्रियों ने 2022 में ग्लोबल ग्रोथ रेट का अनुमान भी 0.2 फीसदी कम किया है। पहले 2022 में ग्लोबल ग्रोथ रेट का अनुमान 4.5 फीसदी था लेकिन अब यह अनुमान कम होकर 4.3 फीसदी लगाया गया है। वहीं 2021 में ग्लोबल ग्रोथ रेट 5.8 फीसदी रहा था।
अर्थव्यवस्था होगी प्रभावित (Inflation)
बता दें कि महंगाई के कारण ग्रोथ रेट पर भी असर पड़ेगा और यदि महंगाई कंट्रोल में न हुई तो मांग में कमी आएगी जिसका नतीजा यह होगा कि पटरी पर लौटती अर्थव्यवस्था फिर से न उतर जाएं।
इस बारे में डच बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट डेविड फोल्कर्ट ने कहा कि कोरोना के कारण ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ पहले ही प्रभावित हो चुकी है। वहीं अब बढ़ती महंगाई, सप्लाई चेन की समस्या, इंटरनेशनल पॉलिटिकल टेंशन से यह चिंता और बढ़ रही है।
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