Withdrawal Of FPI
इंडिया न्यूज,नई दिल्ली। रुस और यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले और उसके बाद से लगातार विदेशी संस्थागत निवेशक यानी एफपीआई भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं और यह निकासी रुकने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि इस पर नजर ऱखने वाले कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में यह निकासी थम सकती है और इसमें सकारात्मक संकेत मिल सकते हैं। एनएसडीएल के मुताबिक, इस साल की शुरुआत से अब तक एफपीआई ने भारत के बाजार से 1.81 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं।
मार्च में हुई सबसे अधिक निकासी
एनएसडीएल के अनुसार, जून में एफपीआई अभी तक शुद्ध रूप से 13,888 करोड़ रुपये घरेलू बाजार से निकाल चुके हैं। इससे पहले मई में यह निकासी 17,144 करोड़ रुपए की थी। उससे पहले अप्रैल में एफपीआई ने बाजार से 39,993 करोड़ निकाल चुके थे.जबकि मार्च में यह निकासी 41,243 करोड़ रुपये हो गई थी। अगर इन चारों महीनों में निकासी की तुलना करें तो सबसे ज्यादा निकासी एफपीआई ने मार्च माह में की। फरवरी और जनवरी में भी एफपीआई ने भारतीय बाजार ने निकासी की। वहीं, अब तक एफपीआई ने देश की बाजार से 1,81,043 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं।
फेड की नीतियों अगर बाजार के मुताबिक रहे तो ही रुकेगी बिकवाली
इस बाजार पर नजर रखने वाली एक विशेषज्ञ का कहना है कि अमेरिका कें केंद्रीय बैं की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने की आशा से बाजार ने बिकवाली बढ़ी है। अगर फेड की मौजूदा और भविष्य की नीति बाजार की उम्मीदों के मुताबिक रहती है, तभी बिकवाली रुक सकती है और एफपीआई की निकासी भी,लेकिन हाल के समय में इसके रुकने के कोई आसार नहीं दिखाई पड़ा रहे हैं। आपको बता दें कि फेड अमेरिका के केंद्रीय बैंक को कहते हैं।
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