Withdrawals In Mutual Funds
इंडिया न्यूज,नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड एक निश्चित आय वाला प्रतिभूती यानी सिक्योरिटीज हैं। लोगों का मानना है कि यहां पर निवेश किया गया पैसा डूबता नहीं है। हालांकि लोग अब इससे भी डर गए हैं और तगड़ी निकासी कर चुके हैं। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) से मिली जानकारी के मतुाबिक, आर्थिक माहौल में अनिश्चितता और ब्याज दर में बढ़ोतरी होने के चलते जून महीने में म्यूचुअल फंड से निवेशकों ने 92,248 करोड़ रुपये की भारी निकासी की है। इससे पहले मई माह में यह निकासी 32,722 करोड़ रुपये हुई थी।
केवल इसमें आया निवेश
हालांकि अप्रैल माह में म्यूचुअल फंड में निवेशकों की ओर से तगड़ा निवेश आया था। इस दौरान म्यूचुअल फंड 54,756 करोड़ रुपये निवेश हुई थे। मिली जानकारी के मुताबिक, समीक्षाधीन माह के दौरान 16 निश्चित इनकम कैटेगरी में से 14 से शुद्ध निकासी हुई है। ओवरनाइट, लिक्विड और अति लघु अवधि के फंड जैसे सेगमेंट में भारी निकासी की गई है। वहीं, इस दौरान केवल 10 साल की अवधि के गिल्ट फंड और लंबी अवधि के फंड में निवेश प्राप्त हुआ है।
रेपो रेट के चलते हुई निकासी
आपको बता दें कि म्यूचुअल फंड में निकासी का असर भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के रेपो रेट बढ़ाए जाने की वजह से हुआ है। मई और जून माह के बीच आरबीआई ने दो बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की थी। एक बार 0.40 प्रतिशत और दूसरी बार फिर 0.50 प्रतिशत की रेपो रेट में इजाफा किया गया था। कुल 0.90 प्रतिशत की नीतिगत दर में इजाफा किया गया है, जिसकी वजह से इस फंड में निकासी हो रही है। इसके अलावा डेट म्यूचुअल फंड में भी इसका प्रभाव देखने लगा है।
दोबारा मिली विदेश शेयरों के निवेश की मंजूरी
बता दें कि बाजार नियामक सेबी ने हाल ही में म्यूचुअल फंड्स को दोबारा विदेशी शेयरों में निवेश करने की अनुमित प्रदान की है। यह निवेश उद्योग के लिए सात अरब अमेरिकी डॉलर की कुल जरूरी लिमिट के भीतर किया जा सकेगा। जनवरी में सेबी ने म्यूचुअल फंड घरानों से कहा था कि वह विदेशी शेयरों में निवेश करने वाली योजनाओं में नए ग्राहकों को बनाना बंद कर दें।
संबंधित खबरें:
These 3 SIP Closed : मोतीलाल ओसवाल ने इन 3 विदेशी योजनाओं में एसआईपी की बंद